हेलो दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि आज के समय में पढ़ने वाला हर एक विद्यार्थी कॉलेज या स्कूल के प्रिंसिपल बनने का सपने देखता है, इसलिए आज के आर्टिकल में मैं आपको बताने वाला हूं College Principal Kaise Bane. दोस्तों कॉलेज के प्रिंसिपल को अत्यधिक कार्यों की जिम्मेदारी होती है और कॉलेज के सभी कार्य सुचारू रूप से हो इसकी निगरानी और जिम्मेदारी कॉलेज के प्रिंसिपल की होती है।
इसके अलावा प्रबंधन के सारे कार्य करने के लिए प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाती है कॉलेज के सभी प्रशासन संबंधित कार्यों के प्रबंधन के लिए प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाती है। अगर आप प्रिंसिपल बनने के सपने देख रहे हैं तो आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी प्राप्त करनी होगी। अगर आप प्रिंसिपल बनने के सपने देख रहे हैं, तो हमारे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
कॉलेज/स्कूल में प्रिंसिपल के लिए योग्यता
- B.A, B.E.D, B.S.C, के उम्मीदवार ही पात्र होंगे।
- आपको कम से कम 5 वर्ष से 10 वर्ष का शिक्षक अनुभव होना चाहिए।
- उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आप एम.एड करने के बाद भी प्रिंसिपल बन सकते हैं।
- NCTE डिग्री complete होना अति आवश्यक है।
- B.E.D कोर्स कंप्लीट होने के बाद CTET/ State TET परीक्षा में उत्तीर्ण होना अति आवश्यक है।
- आपकी उम्र 50 वर्ष से कम होनी चाहिए।
College Principal Banne Ke Liye ऊपर दिए गए योग्यता जरूरी है। शिक्षा पर हमेशा लोगों से विचार विमर्श करना और लोगों के अंदर शिक्षा के प्रति जागरूक विकास करना होता है। School Principal बनने का सपना अगर आप देख रहे हैं तो यह सारी योग्यता आपके पास होनी चाहिए और हमें यह जानकारी होनी चाहिए। कि हमें प्रिंसिपल बनने के लिए किस चीज की तैयारी और किसी की डिग्री एवं एग्जाम क्वालीफाई करना होता है, ताकि हम प्रिंसिपल बनने में सक्षम हो।
प्रिंसिपल बनने का सबसे आसान तरीका
आपको प्रिंसिपल बनने के लिए किसी स्कूल या कॉलेज में 5 या 10 वर्ष का अनुभव होना अति आवश्यक होता है तभी आप प्रिंसिपल के योग्य होंगे, इसके लिए आपको बी ए, बीएड, बीएससी, एमएससी, जैसी लेने के बाद आपको एक लेक्चरर के रूप में कॉलेज या स्कूल में बनाया जाता है।
जब आप 5 या 10 वर्ष तक लेक्चरर के रूप में कम कर चुके होंगे। इससे आपको अच्छा अनुभव प्राप्त हो जाता है और प्रिंसिपल बनने में आसान हो जाता है। प्रिंसिपल बनने के लिए कभी-कभी हमारा प्रमोशन हो जाता है या कहीं-कहीं स्कूल या कॉलेज में इंटरव्यू के द्वारा प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया जाता है।
यह सब आसान तरीका है प्रिंसिपल बनने का, आपको यह भी जानना आवश्यक है कि college lecturer की सैलरी प्रति माह 65,000/ 70,000 के करीब दी जाती है। अगर आप कहीं रूम किराए पर लेकर रह रहे हैं, तो सब जोड़ने घटाने के बाद प्रति माह 50 से 55000 बचा सकते हैं।
इसके लिए आपको किसी विद्यालय या कॉलेज में पता करना होगा कि प्रिंसिपल की कोई पद खाली है। इसके लिए आपके पास सारे दस्तावेज मौजूद होने चाहिए और प्रिंसिपल नियुक्ति के पहले आपको Interview लेने के लिए बुलाया जाएगा। अगर आप इंटरव्यू में पास हो जाते हैं तो आपके सारे दस्तावेज की जांच की जाएगी और प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाएगी।
प्रिंसिपल बनने के अनेक विकल्प
कॉलेज प्रिंसिपल बनना है तो इसके लिए आपके पास कई अलग-अलग विकल्प हैं। अथवा उस विकल्प को फॉलो करें और नियमानुसार कार्य करें, जिसके आधार पर आप प्रिंसिपल बन सकते हैं। इसके लिए हम आपको जो विकल्प बता रहे हैं, उसको ध्यान से देखने और समझने का प्रयास करें।
- केंद्रीय महाविद्यालय/राज्य सरकार द्वारा संचालित विद्यालय
- राज्य सरकार द्वारा संचालित महाविद्यालय
- मैनेजमेंट विद्यालय
- निजी/प्राइवेट महाविद्यालय
हमारे द्वारा बताए गए इन चार विकल्प से आप College Principal बन सकते हैं। हालांकि केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा संचालित महाविद्यालय के प्रिंसिपल बनने के लिए आपको काफी परिश्रम करना होगा। तभी आपको इसमें सफलता हासिल होगी और इसमें समय काफी लग सकता है। इसलिए आपको कड़ी से कड़ी मेहनत करनी होगी ताकि जल्द से जल्द आप एक मुकाम हासिल कर सके।
आपको यह बता दे कि किसी निजी प्राइवेट विद्यालय या महाविद्यालय में प्रिंसिपल बना थोड़ा आसान हो सकता है। जिसमें आपके प्रति माह का वेतन कम दिया जाएगा, इसलिए हमारा प्रयास सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल का होना चाहिए।
कॉलेज प्रिंसिपल बनने के लिए भर्ती परीक्षाएं और तैयारी
प्रिंसिपल बनने के लिए हमारे राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा निकाली जाने वाली प्रधानाचार्य की भर्ती देखते रहनी चाहिए। ताकि हम अपने सपनों को जल्द से जल्द पूरा कर सके इन परीक्षाओं को पास होने के लिए नियमित तैयारी अति आवश्यक होती है। सिलेबस की स्टडी करना, मार्क टेस्ट देना, आपको पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र अथवा मॉडल पेपर को ध्यानपूर्वक देखना और लिखना होगा।
जिससे हमें प्रिंसिपल बनने में काफी मददगार साबित होगा और दोस्तों हमको यह विश्वास हो गया है कि हमारे द्वारा बताए गए जानकारी के मुताबिक आप कड़ी से कड़ी मेहनत करेंगे और सभी परीक्षाओं को पास करने की कोशिश करेंगे। ताकि आपके सपने जल्दी सरकार हो और प्रिंसिपल के रूप में चयनित हो सके। ताकि भविष्य में आने वाली सभी पीढ़ियों मैं साक्षरता की विकास हो और शिक्षा की बढ़ोतरी हो।
हमें यह काम करने के लिए गांव या शहरी लोगों जहां भी आप प्रिंसिपल के रूप में चयनित हैं। वहां के सभी निजी लोगों या आसपास के लोगों के अंदर यह जागरूक करना करना होगा कि शिक्षा ही हमारा विकास और एक अच्छा साधन है। आपको शिक्षा के प्रति सबके अंदर जागरूकता फैलानी होगी और शिक्षा का विकास करना होगा।
कॉलेज में अच्छी कार्रवाई करनी पड़ेगी अनुशासित विद्यालय बनाना होगा, कॉलेज के सभी कर्मचारी टीचरों और बच्चों यानी की छात्राओं के ऊपर हमें कड़ी नजर रखनी होगी। यही सब होता है कॉलेज के प्रिंसिपल की जिम्मेदारी जिसको हम सुचारू रूप से ध्यान पूर्वक संपन्न करेंगे और हमारे द्वारा दिए गए सुझाव को आप अच्छे से समझ गए होंगे।
इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल की सैलरी
दोस्तों कॉलेज प्रिंसिपल की सैलरी लगभग ₹80000 से लेकर 150000 रुपए तक होती है। अगर आप केंद्र सरकार द्वारा किसी स्कूल अथवा कॉलेज में प्रिंसिपल नियुक्त किए गए हैं, तो आपको अच्छी सैलरी के साथ-साथ महंगाई भत्ता, परिवहन भत्ता, महंगाई भत्ता आदि भत्ते भी दी जाती है। इसके अलावा अनुभव बढ़ाने के साथ-साथ प्रिंसिपल की सैलरी में भी वृद्धि होती है। सरकारी प्रिंसिपल के रिटायर होने के बाद सरकार द्वारा उन्हें पेंशन भी दिया जाता है।
प्रिंसिपल के कार्य
प्रधानाचार्य के प्रमुख कर्तव्य निम्न है। प्रत्येक शिक्षण संस्था का एक अध्यक्ष होता है जिसका कुलपति या प्रधानाचार्य के रूप से संबोधित करते हैं। प्रधानाचार्य महाविद्यालय के सबसे उच्च होते हैं अर्थात सभी कर्मचारियों के मुखिया होते हैं। जो लोगों को कार्य करने की प्रेरणा देते हैं और सभी कार्य सुचारू रूप से करने की सलाह देते हैं। सभी कर्मचारी प्रिंसिपल के अधीन होते हैं। एक प्रिंसिपल के महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है-
प्रधानाचार्य के प्रशासकीय कार्य
- प्रधानाचार्य के प्रशासकीय कार्य का निम्न विभाजन
- पाठ कम से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालन करना।
- छात्रावास का प्रबंध करना।
- विद्यालय के कार्य एवं शिक्षा दीक्षा की देखरेख करना।
- कक्षाओं, भवनों और फर्नीचर की व्यवस्था करना।
कॉलेज अध्याय कार्य हेतु
प्रधानाचार्य सबसे पहले एक अध्यापक हैं, उनका मुख्य कार्य अध्यापन करना। अधिकांश अध्यापक प्रधानाध्यापक चयनित होने के बाद अपना अध्यापन करना बंद कर देते हैं। जो यह उचित नहीं है, उन्हें हमेशा अपना अध्यापन करना चाहिए।
नियोजन कार्य
प्रधानाध्यापक का एक कार्य और महत्वपूर्ण होता है नियोजन बनाना। उनको यह चाहिए कि सत्र शुरू होने से पहले एक समय सारणी तैयार करें, ताकि परीक्षाओं की तिथियां सेट करने में आसानी हो।
कॉलेज अनुशासनात्मक कार्य
कॉलेज को सुचारू रूप से चलने के लिए प्रिंसिपल को विद्यार्थियों और कर्मचारियों पर अनुशासन बनाए रखना चाहिए, ताकि विद्यार्थी के पाठ्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
कॉलेज प्रिंसिपल बनने का फायदा
- नई-नई चुनौतियों का सामना करना
- 1 लीडर बनने का अच्छा विकसित करना
- ऊंची कमाई वाली नौकरी
- समाज और कॉलेज में सम्मानित व्यक्ति होना
- अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में उचित मार्गदर्शन देना
College Principal Kaise Bane. (FAQ)
1. प्रिंसिपल बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करें?
2. प्रिंसिपल के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
3. सरकारी प्रिंसिपल की सैलरी कितनी होती है?
4. स्कूल में प्रिंसिपल का क्या काम होता है?
5. स्कूल प्रिंसिपल को हिंदी में क्या बोलते हैं?
6. महिला प्रिंसिपल को हिंदी में क्या कहते हैं?
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इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।