1 फरवरी 2018 को पहली बार तत्कालीन एमएस अरुण जेटली ने Gobar Dhan Yojana की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों से पशुओं के गोबर और फसल अवशेषों को उचित दाम पर खरीदा जाएगा।
इसके साथ साथ पशुओं के मल, गोबर, खेतों के अपशिष्ट पदार्थ जैसे कि भूसा, प्वाइरा आदि को बायोगैस या बायो सीएनजी में परिवर्तित कर दिया जाएगा। तो चलिए दोस्तों इस आर्टिकल में हम जान लेते हैं गोबर्धन स्कीम क्या है और आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
गोबर धन योजना क्या हैं?
भारत के ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास पशु हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में पशु अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और जैविक अपशिष्ट होता हैं। इस कचरे के प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने गोबर धन योजना की घोषणा की है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के स्वच्छता में भी मदद मिलेगी और इसलिए यह ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर बीमारियों को रोकेगा।
भारत सरकार पशु के कचरे और जैविक कचरे के योजना का नाम, योजना का नामप्रबंधन और उन्हें एक जगह पर एकत्रित करने के लिए हर जिले को 50 लाख का फंड प्रदान करती है। योजना के अंतर्गत किसानों से पशु अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और जैविक अपशिष्ट को खरीदा जाएगा।
गोबर्धन स्कीम के तहत पशुओ का गोबर और गोमूत्र के साथ-साथ पौधों के खरपतवार, सूखी घास के सूखे पत्ते, जैविक कचरा भी सरकार खरीदेगी। इन चीजों से वर्मी कम्पोस्ट खाद, बायोगैस, बायो-सीएनजी के उत्पादन में मदद मिलेगी। इस लेख में, हम योजना की मुख्य विशेषताएं, इसके उद्देश्य, लाभ, विशेषता, सांख्यिकी, Gobar Dhan Yojana Online Apply Kaise Kare, मानदंड और आवेदन पत्र देखेंगे।
गोबर्धन स्कीम (Highlight)
योजना का नाम | गोबर धन योजना |
योजना शुरू हुई | 2021 |
किसके द्वारा शुरू हुई | केंद्र सरकार |
उद्देश्य | अपशिष्ट को उपयोग में लाना |
लाभार्थी | भारतीय किसान |
आधिकारिक वेबसाइट | https://sbm.gov.in/gbdw20/ |
गोबर्धन स्कीम आनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
- सबसे पहले आप को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। Official website पर जाने के बाद आपके सामने इस प्रकार का होम पेज खुल जायेगा।
- इस होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन का टेब दिखाई देगा आपको इस टेब पर क्लिक करना होगा।
- इस पेज पर आपको एप्लीकेशन फॉर्म दिखाई देगा, आपको इस एप्लीकेशन फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी जैसे पर्सनल डिटेल्स , एड्रेस डिटेल्स , रजिस्ट्रेशन डिटेल्स आदि भरनी होगी।
- इसके बाद आपको Submit बटन पर क्लिक कर देना हैI क्लिक करते ही आपका आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन संख्या प्राप्त होगी, इसे आप को नोट कर के रख लेना हैं।
- क्योंकि इस रजिस्ट्रेशन संख्या के माध्यम से आप बड़ी आसानी से योजना में आवेदन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आनलाइन आवेदन के लिए दस्तावेज
- आधार कार्ड होना अनिवार्य है
- निवास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है
- पहचान प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है
- पासपोर्ट साइज फोटो होना अनिवार्य है
- email ID होना अनिवार्य है
- मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है
योजना में आवेदन के लिए पात्रता
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
- आवेदक एक किसान होना चाहिए
गोबर धन योजना के लाभ
- इस योजना के अंतर्गत पशुओं का अपशिष्ट और जैविक अपशिष्ट का उपयोग इंजन के उत्पादन के लिए हो जाएगा, इससे प्रदूषण भी कम होगा, और खनिज ईंधन की भी बचत होगी।
- पशु और जैविक अपशिष्ट की खरीदी से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
- इस योजना का महत्व एवं लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को दिया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर से बायोगैस का उत्पादन करने का प्लांट व्यक्तिगत, सामुदायिक, सेल्फ हेल्प ग्रुप या गौशाला के पर स्तर पर स्थापित किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत जानवरों के मल तथा खेतों के ठोस अवशिष्ट पदार्थ जैसे कि भूसा, पूआर आदि को बायोगैस या बायो सीएनजी बनाने के उपयोग में लाया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत Gobardhan Online Portal की शुरूआत की गई गई है, जहां पर जाकर आप बड़ी आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
गोबर धन योजना का उद्देश्य
- गाँव में पशुओ के अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और लंबे समय में सभी जैविक कचरे का सुरक्षित प्रबंधन करने के लिए सहायता करना।
- विकेंद्रीकृत प्रणालियों का उपयोग करके समुदायों का समर्थन करें, उनके पशुओ और जैविक कचरे को धन में परिवर्तित करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे के प्रभावी निपटान के माध्यम से पर्यावरणीय स्वच्छता को बढ़ावा देना और वेक्टर जनित रोगों पर अंकुश लगाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए जैविक कचरे, विशेष रूप से पशुओ के कचरे को जैव गैस और उर्वरक में परिवर्तित करना।
- ग्रामीण उद्यमिता रोजगार और आय सृजन के अवसरों को बढ़ावा देना।
- Gobar Dhan Scheme के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी तथा उनके आर्थिक जीवन में सुधार आएगा।
गोबर धन योजना की विशेषताएं
- गांव के जैविक कचरे का उपयोग वर्मीकम्पोस्ट, बायोगैस, बायो-सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए किया जा सकता है।
- इस योजना से गांव साफ-सुथरे भी रहेंगे और बीमारियों से दूर भी रहेंगे।
- पशु और जैविक अपशिष्ट से प्राकृतिक ऊर्जा उत्पन्न होगी।
- इससे प्रदूषण भी कम होगा।
- ग्रामीण किसान अपने खेतों में इस ठोस कचरे और गोबर का प्रयोग कर सकते हैं तथा इसके साथ-साथ इसे खाद, उर्वरक, गैस और जैव ईंधन के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
- योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र खोलने, ग्रामीण व्यापार केंद्रों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार लाना, शहर और गांव के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करना जैसे फैसले पर भी काम कर रही है।
- गोवर्धन योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार 115 जिलों की पहचान की है, इन जिलों में विभिन्न सामाजिक सेवाओं में निवेश किया जाएगा और इसे अन्य जिलों में रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा।
Gobar Dhan Yojana के आंकड़े
बायो-गैस/सीबीजी संयंत्र – कार्यात्मक | 288 |
बायो-गैस/सीबीजी संयंत्र – निर्माण पूरा हुआ | 38 |
बायो-गैस/सीबीजी संयंत्र – निर्माण प्रगति पर है | 22 |
बायो-गैस की स्थापित क्षमता (एम 3 में ) | 10691 |
वाणिज्यिक सीबीजी संयंत्र की स्थापित क्षमता (किलो में) | 200502 |
कवर किए गए जिलों की संख्या | 139 |
यूजर मैन्युअल डाउनलोड करने की प्रक्रिया
- User Manual Download करने के लिए सर्वप्रथम आपको गोबर धन योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, अब आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा।
- होम पेज पर आपको जानकारी के टैब पर क्लिक करना होगा।
- यहा से आपको गोबर्धन स्कीम के बारे में सारी मैन्युअल डाउनलोड होगी।
Gobardhan Portal Login करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको इस योजना की ऑफिशल वेबसाइट पर आना है।
- इसके बाद आपको यहां पर Unified Portal of Gobardhan पर क्लिक करना है.
- इसके बाद इस फार्म में दिखाई दे रहे अपना यूजरनेम, पासवर्ड और कैप्चा कोड भरकर लॉगइन पर क्लिक करे।
- इस प्रकार से आपका गोवर्धन योजना पोर्टल पर लॉगइन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती ह।
गैल्वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना का लाभ
- गोवर्धन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर से बायोगैस प्लांट व्यक्तिगत, सामुदायिक, एनजीओ के स्तर पर सेल्फ हेल्प ग्रुप या गौशाला स्थापित किया जाएगा।
- केंद्र सरकार द्वारा गोवर्धन योजना के अंतर्गत किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर ग्रामीण क्षेत्रों के रहने वाले किसान अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों से पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को खरीदा जाएगा और उसे बायोगैस में परिवर्तित किया जाएगा।
- इस योजना के शुरू होने से देश में प्रदूषण कम होगा तथा इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- अधिकांश करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।
- पशुओं के मल अथवा खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों से कंपोस्ट बायोगैस या बायो सीएनजी बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
गोबर धन योजना के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट प्लान
केंद्र सरकार द्वारा योजना को ग्रामीण किसानों तक पहुंचाने के लिए डिस्ट्रिक्ट प्लान भी बनाया गया है। जो इस प्रकार है-
- कम से कम एक मॉडल परियोजना राज्य के प्रत्येक जिले में होनी चाहिए।
- इस योजना के अंतर्गत जहां पर गोबर और अवशिष्ट पदार्थ पाए जाएंगे जैसे : गौशाला, वेजिटेबल मार्केट, फैक्ट्री, संस्थान, धार्मिक स्थल आदि के पास बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा।
- जिन घरों में पशु पालन व्यवसाय किया जा रहा है, उन घरों में भी बायोगैस प्लांट लगाया जा सकता है। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में भी बायोगैस प्लांट लगाया जा सकता है।
बायोगैस प्लांट लगाने के लिए जमीन का चयन
- इस योजना के अंतर्गत बायोगैस प्लांट की स्थापना भूमिगत की जाएगी, जिससे गैस होल्डर में किसी प्रकार का कोई दरार ना आए।
- खुली जगहों पर बायोगैस प्लांट की स्थापना की जाएगी।
- बायोगैस प्लांट स्थापित करते समय यह ध्यान दिया जाएगा कि उसके आसपास कोई भी पेड़ पौधे ना हो।
- बायोगैस प्लांट पशु शेड तथा रसोई घर के पास लगाने का प्रयास किया जाएगा।
- घर की नींव से लगभग 2 मीटर की दूरी पर बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे घर की नींव में कोई दरार ना आए।
- इसके अलावा बायोगैस प्लांट को ऐसी जमीन पर लगाया जाएगा, जहां पर आसपास पानी उपलब्ध ना हो।
गोबर धन योजना का कार्यान्वयन
- ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे घर जहां पर पांच से अधिक पशु है, वहां पर ग्राम पंचायत द्वारा इंडिविजुअल बायोगैस प्लांट 1-3 m3 का स्थापित किया जाएगा।
- जिन ग्राम पंचायतों में ज्यादा संख्या में पशु हैं, उस ग्राम पंचायत में एक सामान्य बायोगैस प्लांट जिसकी कैपेसिटी 4-10 m3 होगी, लगाया जाएगा।
- प्रत्येक जिले में इस योजना का कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम से किया जाएगाI इसके लिए संबंधित एजेंसी के पास 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
- गोवर्धन योजना की निगरानी जिला स्तर पर डीडब्ल्यूएससी द्वारा किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक स्थान पर स्थापित किए गए बायोगैस प्लांट की निगरानी प्रत्येक 4 महीने में की जाएगी। जिसका रिपोर्ट नेशनल आईएमआईएस पोर्टल पर की जाएगी।
- इसके अलावा गोवर्धन योजना के अंतर्गत लगाए गए सभी प्रोजेक्ट का प्रतिवर्ष ऑडिट किया जाएगा।
गोबर धन योजना स्टैटिसटिक्स
Application/DPR Received | 341 |
Number of villages where application/DPR Received | 320 |
Application/DPR Approved by block | 170 |
Number of STAC Formed | 23 |
Application/DPR Awaiting Approval | 198 |
Application/DPR Approved | 118 |
Application/DPR Rejected | 14 |
Total Number of Technical Agency Empanelled | 130 |
Gobar Dhan Yojana हेल्पलाइन नंबर
Office of Joint Secretary (NLM) | |
Phone | 011-23387804 |
jspf-dadf@nic.in jspfdadfgmail.com | |
Office of Joint Secretary (GP) | |
Phone | 011-23073165 |
js.gp-png@gov.in | |
Office of Additional Secretary (SBM) | |
Phone | 011-24362192 |
FAQs
1. गोबर धन योजना की शुरुआत कब हुई थी?
2. गोबर धन योजना क्या है?
3. इस योजना का मुख्य उदेश्य क्या है?
4. Gobar Dhan Yojana का लाभ किन्हे मिलेगा?
5. योजना की आफिशियल वेबसाइट क्या है?
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इस लेख को शिवानी यादव ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य संपादक के रूप में कार्यरत हैं। शिवानी यादव ने हिंदी बिषय से B.A. और M.A. की है। इसके बाद लेखन क्षेत्र को अपना कैरियर बनाया। लेखन क्षेत्र में इनके पास 5 साल का अनुभव हैं। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।