अगर आप लोको पायलट बनने का सपना देख रहे हैं तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि लोको पायलट का अर्थ क्या होता है, लोको पायलट का मतलब ट्रेन चालक होता है जो ट्रेन को अपने नियंत्रण में रखता है वह ट्रेन की गति तेज भीम और घूम फिराव का काम करते हैं। अगर आप बारहवीं पास करने के बाद लोको पायलट बनना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें। क्योंकि इस आर्टिकल में हमने बताया है कि 12th Ke Bad Loco pilot Kaise Bane.
लोको पायलट का ट्रेन में उपस्थित लोगों के पदों से उच्च पदों में एक होते हैं। लोको पायलट यानि Train Driver पर यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। ट्रेन चालक को ट्रेन से काफी सुविधा प्राप्त होती हैं, लोको पायलट में सैनिक होने के बाद आपको गवर्नमेंट द्वारा काफी सुविधाओं का लाभ उठाने को मिलता है।
इस आर्टिकल में 12वीं पास करने वाले छात्रों को लोको पायलट में कैरियर बनाने का मार्गदर्शन दिया गया है। जैसे : लोको पायलट बनने की योग्यता, लोको पायलट परीक्षा की तैयारी कैसे करें, लोको पायलट का सिलेबस, लोको पायलट की सैलरी, रेलवे विभाग द्वारा लोको पायलट को मिलने वाली सुविधा आदि।
लोको पायलट क्या होता है?
दोस्तों अगर सिंपल भाषा में कहे तो लोको पायलट ट्रेन के ड्राइवर को कहा जाता है। रेलवे विभाग द्वारा भारत में जितने भी ट्रेन चलाई जाती है, जैसे : पैसेंजर गाड़ी, एक्सप्रेस गाड़ी, मालगाड़ी इन सभी गाड़ियों को चलाने वाला लोको पायलट होता है।
लोको पायलट एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के द्वारा बताए गए सिग्नल के हिसाब से गाड़ी चलाता है। स्टेशन सिग्नल की मदद से लोको पायलट अर्थात ट्रेन ड्राइवर गाड़ी को तेज तथा धीमी गति से चलते हुए यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचना है। ट्रेन के अंदर बैठे हजारों यात्रियों की जिम्मेदारी लोको पायलट पर होती है। इसलिए लोको पायलट का पद एक महत्वपूर्ण पद होता है, इसके लिए लोको पायलट को अच्छी सैलरी भी दी जाती है।
लोको पायलट के प्रकार
- लोको पायलट के प्रकार
- लोको सुपरवाइजर
- पावर कंट्रोलर
- वरिष्ठ सहायक लोको पायलट
- चालक दल नियंत्रक
- सहायक लोको पायलट
- लोको फायरमैन
लोको पायलट के महत्वपूर्ण कार्य
दोस्तों जैसा कि हम आपको बता दें कि लोको पायलट का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है, उनको रेल यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी होती है। उनका सबसे पहले महत्वपूर्ण कार्य होता है की ट्रेन को अपने नियंत्रण में रखना ट्रेन की तेज धीमी गति को अपने नियंत्रण में रखें। रेल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन को उसके स्थान पर पहुंचाना।
रेल यात्रियों की उसमें भलाई होती है, क्योंकि उनकी पूरी उम्मीद होती है ट्रेन चालक अगर ट्रेन को अपने नियंत्रण में रखकर अपना कार्य करता है। तो ट्रेन यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं, अतः हम आपको यह भी बता दें की ट्रेन चालक का काम बाद ही जिम्मेदार एवं कठिन होता है। उनके ऊपर रेल यात्रियों की और सब की जिम्मेदारी होती है, वह रेल कर्मचारियों में से सबसे ऊंचे पद पर माने जाते हैं। इसलिए उनकी सारी जिम्मेदारी होती है कि सभी कार्य सुरक्षित एवं ढंग से करें।
12वीं के बाद असिस्टेंट लोको पायलट कैसे बनें?
हर युवाओं की तरह अगर आपका भी सपना है, कि मुझे बारहवीं के की पढ़ाई करने के बाद लोको पायलट बनना है। तो नीचे दिए गए प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप फॉलो करें-
ITI पास करें.
यदि आप 12th Ke Bad Loco Pilot बनना चाहते हैं, तो आपको आईटीआई कोर्स कंप्लीट करना होगा। जो किसी ऑटोमोबाइल मेकेनिकल या इलेक्ट्रिकल ट्रेड से या NCVT/ SCVT दोनों में से किसी भी में से आईटीआई कंप्लीट कर सकते हैं। iti 2 साल का कोर्स होता हैं। लोको पायलट बनने के लिए यह महत्वपूर्ण कोर्स है, इससे हमें एक अनुभव प्राप्त हो जाता है जो हमें आगे का प्रोसेस तैयार करने में मददगार होती है।
डिप्लोमा कोर्स कंप्लीट करें.
अगर आप आईटीआई नहीं करना चाहते हैं, तो आप डिप्लोमा कर सकते हैं। यह कोर्स से हमें अच्छा अनुभव और काफी ढेर सारी जानकारी प्राप्त होती है। डिप्लोमा भी Automobile, Machanical, Electrical इन तीनों में से किसी भी साइड से आप अपना डिप्लोमा कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं। यह 2 साल का ही कोर्स होता है, जो हमें लोको पायलट अर्थात ट्रेन चालक बनने में मददगार साबित होगा।
B.Tech कोर्स करें.
अगर आप 12वीं के बाद Loco Pilot बनने का सपना देख रहे हैं, तो आप बीटेक कोर्स भी कर सकते हैं। क्योंकि इसमें बीटेक कोर्स अति महत्वपूर्ण माना गया है, इसमें भी ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल साइड से बीटेक कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं। अगर आप इन सब तीनों कोर्सों में से कोई यह कोर्स कर लेते हैं, तो आप रेलवे चालक आसानी से बन सकते हैं। जिसमें आपको और अत्यधिक मेहनत की जरूरत होगी। क्योंकि बहुत आसान भी नहीं है लोको पायलट बनना, इस कोर्स को कंप्लीट करने के बाद आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन करें.
लोको पायलट बनने के लिए सारी योग्यताएं पूरी होनी चाहिए। जब आपको लगे कि यह सारी योग्यताएं पूरी हो गई है, तो आप Online Apply कर सकते हैं। इसके लिए आपको रेलवे वेबसाइट और सरकारी रिजल्ट पर होने वाले अपडेट्स को चेक करते रहना होगा। जब लोको पायलट की भर्ती आ जाए, तो आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
12वीं के बाद लोको पायलट की परीक्षा
सबसे पहले प्रथम चरण में लिखित परीक्षा होती है, जिसमें समान्य कौशल का 20 प्रश्न, सामान्य जागरूकता का 25 प्रश्न, सामान्य विज्ञान का 30 प्रश्न, तकनीकी योग्यता का 30 प्रश्न, करेंट अफेयर्स का 10 प्रश्न पूछा जाता है। अगर आप यह परीक्षा उत्तीर्ण कर लेंगे, तो आपको साक्षात्कार परीक्षा देना पड़ता हैं।
यह परीक्षा देने के बाद आपको Interview के लिए बुलाया जाएगा जिसमें आपसे व्यक्तिगत सवाल किए जाएंगे। आपके सारे सवालों का जवाब समझ और बड़े सोच के साथ देनी होगी। अगर हड़बड़ी में जबाव देंगे, तो गलती हो सकती है इसके लिए रिलैक्स माइंड में जवाब देना होगा।
लोको पायलट योग्यता और आयु
लोको पायलट बनने के लिए लोकतांत्रिक देश में इसका पद काफी ऊंचा मान गया है, इसमें चयनित होने के लिए कुछ महत्वपूर्ण योग्यता निर्धारित की गई है। अगर आप यह योग्यता प्राप्त है, तो आपको लोको पायलट बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
- वह भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- लोको पायलट में चयनित होने के लिए उसकी आयु सीमा कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- उम्मीदवार को 12वीं कक्षा पास करनी होगी।
- इंटर पास करने के बाद उम्मीदवार को आरटीआई के तहत 2 वर्ष का कोई कोर्स करना होगा।
- लोको पायलट बनने वाला उम्मीदवार मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
- उम्मीदवार को आईटीआई डिप्लोमा की सर्टिफिकेट होना आवश्यक है।
लोको पायलट बनने की आयु
Railway Loco Pilot में चयनित होने के लिए आपकी आयु सीमा 18 वर्ष से लेकर 28 वर्ष के अंतर्गत होनी चाहिए। इसमें कैटेगरी के हिसाब से चार पांच वर्ष की छूट मिल सकती है, अतः आपको इसकी तैयारी पूरी मेहनत से करनी चाहिए।
लोको पायलट के लिए दस्तावेज
- आरक्षित जाति से होने पर एक प्रमाण पत्र।
- आधारकार्ड
- 10वीं, 12वीं की मार्कशीट।
- आईटीआई, डिप्लोमा ,बीटेक की मार्कशीट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- हस्ताक्षर
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
लोको पायलट ऑनलाइन आवेदन फीस
Loco Pilot Ke Online Fees श्रेणी के हिसाब से कटती है। EWS/OBC वालों की आवेदन फीस ₹500 होती है, अतः और श्रेणी के आवेदन फीस 250 रुपए है।आपको बता दे जब आप इसकी परीक्षा देने जाएंगे तो आपको आधी फीस वापस कर दी जाएगी, चाहे आप परीक्षा में उत्तीर्ण हो या ना।
12वीं के बाद लोको पायलट बनने की परीक्षा
जैसा कि हमने आपको बताया लोको पायलट बनने के लिए तीन चरण में परीक्षा देनी पड़ती है। इन परीक्षा को पास करने के बाद आपको Aptitude test देना पड़ता है। इसके उपरांत आपका DV तथा Medical होता हैं। आईए लोको पायलट बनने की परीक्षा की पूरी प्रक्रिया विस्तार से समझते हैं।
CBT 1 Exam
CBT का मतलब होता है- Computer Based Exam, लोको पायलट बनने के लिए सबसे पहले आपको CBT 1 Exam यानि कि कंप्यूटर पर दी जाने वाली परीक्षा देना पड़ता है। चलिए CBT 1 Exam के प्रश्न और नंबर के बारे में समझते हैं।
- CBT 1 Exam में 1/3 की नेगेटिव मार्किंग होती है। यानी अगर आपने एक प्रश्न गलत कर दिया तो आपका 1/3 नंबर कट जाएगा।
- CBT 1 Exam में पूछे जाने वाले सभी प्रश्न MCQ वाले होते है। मतलब एक प्रश्न के चार विकल्प दिए जाएंगे, जिनमें से आपको एक विकल्प को सही चुनना है।
- CBT 1 Exam में कल 75 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो 75 अंक के होते हैं। परीक्षा का समय 1 घंटे का होता है। प्रश्न इस प्रकार से पूछे जाते हैं-
Subject | No. of Questions | Time Duration |
General Awareness of Current Affair | 10 | – – |
General Science | 20 | – – |
General Intelligence & Reasoning | 25 | – – |
Mathematics | 20 | – – |
Total | 75 | 60 minutes |
नोट : लोको पायलट की नई भर्ती आने पर एक बार रेलवे विभाग ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर परीक्षा पैटर्न के बारे में अवश्य पढ़ लें। क्योंकि समय-समय पर रेलवे विभाग द्वारा लोको पायलट की परीक्षा सिलेबस बदल दिया जाता है।
CBT 2 Exam
- CBT 1 Exam पास करने के बाद अभ्यर्थी को CBT 2 Exam पास करना पड़ता है, यह पेपर दो पार्ट में होता है।
- पेपर का पहला पार्ट हल करने के बाद आपके सामने दूसरा पार्ट लाया जाता है।
- पेपर का पहला पार्ट हल करने का समय 90 मिनट तथा दूसरा पार्ट हल करने का समय 60 मिनट का होता है।
- CBT 2 Exam में भी नेगेटिव मार्किंग (Negative Marking) 1/3 होती है। यानी एक प्रश्न गलत होने पर 1/3 नंबर कट जाता है।
- CBT 2 Exam में भी एक प्रश्न के चार विकल्प पूछे जाते हैं, इन चार विकल्प में से कोई एक विकल्प आपको चुनना पड़ता है।
Subject (Part A) | Question no. | Question Time |
General Science & Engineering | – – | – – |
General Awareness of Current Affair | – – | – – |
Maths | – – | – – |
General Intelligence & Reasoning | – – | – – |
100 Question | 90 minute | |
Subject (Part B) | Question no. | Question Time |
Relevant Trade | 75 Question | 30 minute |
Total | 175 Question | 2 Hours 30 minute |
CBT 3 General Aptitude Exam
CBT 3 को Computer Based Aptitude या Psychology Test के नाम से जाना जाता है। CBT 3 परीक्षा आपको कंप्यूटर के सामने बैठ कर देना पड़ता है। इस परीक्षा में इस प्रकार से प्रश्न पूछे जाते हैं, कि आप किसी भी निर्णय को कितना जल्दी और सही तरीका से लेते हैं। एक प्रकार से देखा जाए यह व्यक्ति का दिमागी टेस्ट होता है।
Document Verification (DV)
ऊपर दिए गए सभी परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है। लोको पायलट का फॉर्म भरते समय आपने जिन दस्तावेजों को संलग्न किया था, इन सभी दस्तावेजों को रेलवे अधिकारी की समक्ष वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है।
Medical Test
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के बाद उम्मीदवार का मेडिकल टेस्ट किया जाता है। मेडिकल टेस्ट में उम्मीदवार के आंखों की विशेष जांच की जाती है। क्योंकि ऐसे उम्मीदवार जो चश्मा लगाते हैं, उन्हें रात में बहुत कम दिखाई देता है। जिसके कारण ऐसे उम्मीदवार को लोको पायलट बनाना उचित नहीं होता है।
आंखों की जांच करने के बाद उम्मीदवार के कान छाती तथा अन्य चीजों की जांच की जाती है। और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उम्मीदवार पूर्ण रूप से स्वस्थ है। लोको पायलट की ड्यूटी 8 से 12 घंटे की होती है, इसलिए एक स्वस्थ उम्मीदवार ही ठीक ढंग से अपनी ड्यूटी कर सकता है।
ट्रेनिंग प्रक्रिया
ऊपर दिए गए सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उम्मीदवार को जॉइनिंग लेटर दे दिया जाता है। लेकिन ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले उम्मीदवार को लोको पायलट की ट्रेनिंग दी जाती है जैसे : ट्रेन के अंदर क्या-क्या होता है, ट्रेन को कैसे चलाया अथवा रोका जाता है, ट्रेन सिग्नल को समझना आदि।
इसके अलावा लोको पायलट बने उम्मीदवार को एक रूल बुक भी दिया जाता है। इस रूल बुक में रेलवे विभाग द्वारा जारी सभी नियम दिए गए होते हैं। जिसे पढ़कर आप अच्छे से समझ सकते हैं कि ट्रेन चलाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लोको पायलट की सैलरी
लोको पायलट का कार्य अति महत्वपूर्ण एवं कठिनाई का काम है। लोको पायलट का पद अधिकारियों में से सबसे ऊंचे पद पर माना गया है। जो कि उनके हाथ में सब कुछ होता है अगर यह चाहे तो रेल यात्रियों को सुरक्षित पहुंच सकते हैं या उनको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए इनको सबसे बड़े पद पर रखा गया है। क्योंकि उनकी बहुत ही जिम्मेदारी होती है एवं कई मुश्किलों की सामना करते हैं।
Loco Pilot Ke Salary प्रति माह 70,000 से 80,000 तक दी जाती है। अतः यह अति महत्वपूर्ण एवं उच्च अधिकारियों में से है। इसलिए इसमें पैसा सबसे अधिक दिया जाता है, अतः अगर आप लोको पायलट बनने का सपना देख रहे हैं,, तो यह बहुत ही अच्छा इनकम वाला जॉब है।
लोको पायलट का प्रमोशन
जो उम्मीदवार लोको पायलट की नौकरी पाते हैं, उन्हें शुरुआती दौर में मालगाड़ी में सहायक लोको पायलट के तौर पर तैनात किया जाता है। उस समय उनकी सैलरी लगभग 33000 से 36000 रुपए तक होती है। जब आप मालगाड़ी में Asst. Loco Pilot Ke Naukari तीन से चार साल पूरे कर चुके होते हैं। तब आपको Shunting के काम में लगा दिया जाता है। Shunting के अंतर्गत रेलवे स्टेशन पर गाड़ी को आगे पीछे करना, रेलगाड़ी को मेन लाइन से लूप लाइन पर ले जाना आदि कार्य होता हैं।
इन कार्यों में भी आपकी ड्यूटी लगभग 2 से 3 साल तक होती है। इसके बाद आपकी ड्यूटी पैसेंजर ट्रेन में सहायक लोको पायलट के तौर पर लगाई जाती है। यहां भी आपका कार्यकाल 3 से 4 साल का होता है। फिर जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे आपको एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेन आदि बड़ी गाड़ियों का लोको पायलट बना दिया जाता है। और तब आपकी सैलरी भी बहुत अधिक हो जाती है।
लोको पायलट को मिलने वाली सुविधाएं
- लोको पायलट को फ्री मेडिकल की सुविधा मिलती है।
- पीएफ की सुविधा
- फ्री ट्रेन यात्रा की सुविधा
- पेंशन की सुविधा
- जॉब लोकेशन पर फ्री सरकारी मकान की सुविधा
- साप्ताहिक छुट्टी की सुविधा
- परिवार के साथ फ्री ट्रेन यात्रा की सुविधा
चश्मा लगाने वाले लोको पायलट कैसे बनें?
जो लोग चश्मा लगाते हैं उनको लोको पायलट में चयनित होने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। सबसे पहले आपको चश्मा उतार देने वाली जैसी दवा करनी होगी, इसके लिए आंख की लेसिक सर्जरी करवानी होगी। जिससे आपको चश्मा उतरना पड़े मेडिकल टेस्ट के पहले।
क्योंकि चश्मा लगाने वाले लोग रात में अधिक नहीं देखते हैं, इसलिए उनको दिक्कत होती हैं। मेडिकल टेस्ट में लेसिक सर्जरी करने के खर्चे आपको लगभग 100000 उठाना पड़ सकता है। अगर आप यह सर्जरी कर लेते हैं तो आपका चश्मा मेडिकल टेस्ट के पहले उतर जाएगा। जिसमें आपको लोको पायलट बनने की चांसेस बढ़ जाएगी।
लोको पायलट बनने का नुकसान
- लोको पायलट में काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है जैसे रेल यात्रियों की पूरी जिम्मेदारी होती है। उनके गंतव्य तक पहुंचाना और कोई भी दिक्कत ना हो नहीं पाए। सारी सुविधाओं का जिम्मेदार होना चाहिए और रेलवे यात्रियों को सुरक्षित उनके स्थान तक पहुंचाना होता है।
- लोको पायलट की ड्यूटी 8 से 12 घंटा तक की होती है। जिसमें उनको आराम कम और ड्यूटी ज्यादा करना पड़ता है। जिसके फलस्वरूप इतनी ड्यूटी करने से शरीर में काफी थकान एवं मानसिक रूप से काफी थकान होती है।
- लोको पायलट के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत यह होती हैं की ट्रेन में उनको सोच के साथ जैसी व्यवस्था नहीं होती है। अतः उनको पहले से सब काम निपटाना जैसी प्रक्रिया करनी होगी।
- लोको पायलट की जिम्मेदारी होती है की रेल यात्रियों को उनके घंटे अब तक पहुंचाना। अतः उनकी ड्यूटी 8 से 12 घंटा होने के कारण कभी-कभी वह अपने घर पर दीपावली, होली जैसे त्योहारों में नहीं पहुंच पाते हैं।
- लोकोमोटिव के अंदर लोको पायलट के लिए शौच और पेशाब करने की व्यवस्था नहीं होती है। जिससे लोको पायलट को काफी परेशानी होती है।
- Loco Pilot Ke Duty लोको पायलट की ड्यूटी का समय फिक्स नहीं होता है, कभी आपको दिन में ड्यूटी करनी पड़ती है तो कभी रात को। जिसके कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है।
- लोको पायलट को खाने की बहुत परेशानी होती है, हालांकि वे किसी अच्छे होटल में खाना खा सकते है। लेकिन घर का खाना उन्हें बहुत मुश्किल से मिलता है।
- लोको पायलट की ड्यूटी में कभी-कभी व्यक्ति को 10 से 15 दिन घर आने का मौका नहीं मिलता है।
लोको पायलट की जिंदगी
दोस्तों अगर आप लोको पायलट बनना चाहते हैं तो आपको लोको पायलट की जिंदगी से रूबरू होना चाहिए। एक लोको पायलट की सुबह से शाम तक दिनचर्या क्या होती है, इसके बारे में पूरी जानकारी आगे में बताने वाला हूं। जैसे मान लीजिए-
- एक लोको पायलट को लगभग 10 साल नौकरी करते हो गया है, वह अभी मालगाड़ी चलाता है। घर पर उसकी बीबी और बच्चे हैं।
- लोको पायलट महोदय रात भर ड्यूटी करने के बाद मान लीजिए सुबह 10 बजे घर आते हैं। नहाते खाते सोते हैं, इसके अलावा घर के कुछ जरुरी काम करते हैं।
- इसके बाद रात को 2 बजे तक फिर से ड्यूटी जाने की चिंता सताने लगती है। क्योंकि सुबह 9:30 बजे साइन करके निकले थे, तो 16 घंटे बाद कभी भी ड्यूटी पर आने के लिए काल आ सकता है।
- इसके बाद महोदय साहब रात को 2 बजे स्टेशन पहुंचकर आफिस में साइन करके माल गाड़ी पर पहुंच जाते हैं। लोको पायलट की ड्यूटी लगभग 10 घंटे की होती हैं। लेकिन एक बार घर से निकलने पर दोबारा घर पर आने में 30-32 घंटा हो जाता हैं।
- इस प्रकार से अगर देखा जाए तो लोको पायलट की जिंदगी का 2/3 हिस्सा घर से बाहर निकल जाता है। जबकि केवल अपनी जिंदगी का 1/3 हिस्सा अपने परिवार में बिता पाता है। बस यही है लोको पायलट की जिंदगी नौकरी के चक्कर में परिवार का सुख नहीं मिल पाता है।
भारतीय रेलवे के विभिन्न पद
दोस्तों भारतीय रेलवे में कई अलग-अलग पद होते हैं और इन पदों को अलग-अलग ग्रुपों में बांटा गया है। इन ग्रुप के अंतर्गत आने वाले अधिकारी और कर्मचारियों का चयन भी अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। जो इस प्रकार है-
A ग्रुप : भारतीय रेलवे विभाग में सबसे बड़ा पद ए ग्रुप के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों का होता है। UPSC, CMSE जैसी परीक्षाओं के माध्यम से ए ग्रुप में अधिकारियों का चयन किया जाता है।
B ग्रुप : भारतीय रेलवे विभाग में बी ग्रुप के अंतर्गत कभी भी सीधी भर्ती नहीं निकाली जाती है। बल्कि इस ग्रुप में अधिकारियों का पदोन्नति के आधार पर चयन किया जाता है।
C ग्रुप : रेलवे विभाग में सबसे ज्यादा पोस्ट सी ग्रुप में पाया जाता है। क्योंकि इस ग्रुप के अंतर्गत इंजीनियरिंग, स्टेशन मास्टर, क्लर्क आदि पदों पर नियुक्ति किया जाता है।
D ग्रुप : भारतीय रेलवे विभाग में डी ग्रुप के अंतर्गत कर्मचारियों का समूह आता है। इस ग्रुप के अंतर्गत हेल्पर, ट्रैकमैन, सफाईकर्मी आदि को शामिल किया गया है।
12वीं Ke Bad Loco Pilot Kaise Bane. (FAQ)
1. लोको पायलट बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करें?
2. लोको पायलट किस ग्रुप में आता है?
3. लोको पायलट के लिए आईटीआई ट्रेड क्या है?
4. लोको पायलट बनने के लिए कितना खर्च आता है?
5. लोको पायलट की शुरुआती सैलरी कितनी होती है?
6. लोको पायलट के पेपर कितने होते हैं?
7. लोको पायलट की ड्यूटी कितने घंटे की होती है?
8. क्या लोको पायलट का इंटरव्यू होता है?
9. क्या 12वीं पास लोको पायलट अप्लाई कर सकते हैं?
10. रेलवे ड्राइवर का मूल वेतन कितना हैं?
11. क्या लोको पायलट सरकारी नौकरी है?
इसे भी पढ़ें 👇
इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।