दोस्तों आप में से कुछ कैंडिडेट ऐसे होंगे, जिन्हें गरुड़ कमांडो के बारे में मालूम होगा। और कुछ कैंडिडेट ऐसे होंगे जिनको गरुड़ कमांडो बनने का मन तो होता है पर उसके बारे में जानकारी नहीं होगी कि गरुड़ कमांडो कौन होता है, Garuda Commando Kaise Bane, गरुड़ कमांडो के लिए क्या योग्यता होती है, तो चलिए हम अपने आर्टिकल द्वारा सारी जानकारी प्रदान करते हैं।
गरुड़ कमांडो कौन होता है?
वायु सेवा में गरुड़ कमांडो एक ऐसी फोर्स है, जो पलक झपकते ही दुश्मन को चैन की नींद में सुला देती है। चाहे किसी आतंकवादी का अटैक हो या विदेश से कोई विपदा आई हो। गरुड़ कमांडो देश की सेवा के लिए सर्वप्रथम आगे रहते हैं। इसकी ट्रेनिंग 3 साल लगातार चलती है इसके बाद ही कैंडिडेट गरुड़ कमांडो बन सकता है। और देश की सुरक्षा कर सकता है।
Garuda Commando का नाम टाइगर से बदलकर भगवान गरुड़ के नाम पर रखा गया है। गरुड़ कमांडो बनने के दो तरीके हैं ।पहला है ऑफिसर, दूसरा है नॉन कमीशंड ऑफिसर, नॉन कमीशंड ऑफिसर बनने के लिए सिर्फ इंडियन नेवी के जवान ही गरुड़ कमांडो के ऑफिसर बनने के लिए सीधे भर्ती हो सकते हैं।
इसके बाद सीधे ऑफिसर रैंक तक जा सकते हैं। लेकिन नॉन कमीशंड ऑफिसर के अंतर्गत कैंडिडेट खुली रैली में सीधा हिस्सा लेकर Garuda Commando Ban सकते हैं। इस रैली का आयोजन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर किया जाता है। इसमें कोई भी कैंडिडेट हिस्सा ले सकता है।
गरुड़ कमांडो बनने के लिए कितनी पढ़ाई चाहिए?
गरुड़ कमांडो बनने के लिए उम्मीदवार का 50% के साथ इंटर पास होना आवश्यक होता है। और इंटर में कैंडिडेट इंग्लिश सब्जेक्ट लिया हो और इंग्लिश सब्जेक्ट में 50% मार्क्स लाना आवश्यक है। कैंडिडेट की आयु सीमा 22 साल से 23 साल के बीच होनी चाहिए।
गरुड़ कमांडो कैसे बनें?
गरुड़ कमांडो को कई तरह के अलग-अलग परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें सर्वप्रथम फिजिकल टेस्ट, मेडिकल टेस्ट, और अंतिम में लिखित परीक्षा कराई जाती है। उसके बाद उम्मीदवार Garuda Commando के लिए चयनित किया जाता है। हमारे देश की तीन सेनाओं (वायु सेना, जल सेना, थल सेना)। अपनी अलग-अलग कमांडो फोर्सज रखती है।
यहां पर इंडियन आर्मी की पैराएफएस कमांडो, इंडियन नेवी की मार्कोस, इंडियन गरुड़ फोर्स की कमांडो है। गरुड़ कमांडो सभी सेनाओं के पदों में से सबसे उच्च पदों पर चयनित और सम्मानित किया गया है।
- इसमें सर्वप्रथम पहले कैंडिडेट को 1.6km की दौड़ 6 मिनट 30 सेकंड में कंप्लीट करनी होती है।
- इसके साथ ही 10 पुश अप, 10 सिटअप्स, और 25 रक्वाटस लगाए जाते हैं।
- उसके बाद फिजिकल पास करने वाले कैंडिडेट्स का medical test/चिकित्सा जांच होती है। और मेडिकल टेस्ट के दौरान ही हाइट, चेस्ट वेट आदि का मेजरमेंट किया जाता है।
- इसमें उम्मीदवार की लंबाई कम से कम 153.6cm, चेस्ट काम से काम 75cm होनी चाहिए।
- चेस्ट खोलने के बाद 5 सेमी का फुलाव भी आना चाहिए। वजन लंबाई के हिसाब से होनी चाहिए।
Example : अगर उम्मीदवार की लंबाई 153 सेमी है, तो इस हाइट के लिए महिला का वजन 40.9kg से 49.8kg के बीच होनी चाहिए और पुरुषों का वजन 43.3kg से 54kg के बीच होनी चाहिए। इसके साथ ही साथ उम्मीदवार बिल्कुल मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। और उम्मीदवार को सुनने, देखने अन्य किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए, और ना ही शरीर का कोई भी अंग डैमेज होना चाहिए।
इसके बाद उम्मीदवार का ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, एक्सप्रेस टेस्ट इत्यादि किए जाते हैं। जिसमें कैंडिडेट को संपूर्ण रूप से स्वस्थ होना चाहिए। इसके बाद मेडिकल टेस्ट फाइनल करने के बाद कैंडिडेट को लिखित परीक्षा देनी होती है। जिसमे इंग्लिश ,फिजिक्स, रीजनिंग, जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स जैसे क्वेश्चन पूछे जाते हैं। सभी प्रश्न एक-एक नंबर का होगा। और एग्जाम का समय सिर्फ 45 मिनट दिया जाएगा। और ⅓ नेगेटिव मार्किंग भी होती है।
एग्जाम पास करने के लिए उम्मीदवार का अनुकूलन क्षमता पूछी जाती है। अनुकूलन क्षमता टेस्ट मैं बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाते हैं। जिसमें कैंडिडेट को 30 मिनट में 45 प्रश्न करने होंगे। और अनुकूलन क्षमता (Ataptability) टेस्ट 2 में ग्रुप डिस्कशन किया जाता है। इसमें कैंडिडेट का ग्रुप बनाया जाता है और एक ग्रुप में कम से कम 15 कैंडिडेट होते हैं।
एक ग्रुप में प्रश्न किया जाता है उसके बाद उनका डीएफटी DFT (Dynamic Factor Test) होता है। जिसमें कैंडीडेट्स से १२th इंग्लिश के बेसिक प्रश्न पूछे जाते हैं और इन प्रश्नों का जवाब आपको फुल कॉन्फिडेंस के साथ देना होता है और जरा भी हिचकिचाना या डरना नहीं होगा।
उसके बाद final selected candidates को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है। और उनकी संपूर्ण ट्रेनिंग 3 साल तक चलती है। और इसमें कैंडिडेट को ट्रेनिंग के दौरान भी प्रतिमाह वेतन मिलता रहता है। और बीच-बीच में छुट्टियां भी दी जाती है, इनके 3 साल की ट्रेनिंग बहुत ही कठिन एवं खतरनाक होती है।
जवानों को अलग-अलग तरह के खतरनाक स्थिति में रखा जाता है। और ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। इसके बाद ही कैंडिडेट कहीं जाकर Garuda Commando मैं चयनित हो पता है।
गरुड़ कमांडो के पास घातक हथियार
- दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक हथियारों से भारतीय वायुसेना के Garuda Commando को लैस किया गया है।
- गरुड़ कमांडो के पास Tavor टीएआर-21 एसॉल्ट राइफल तथा ग्लाक 17 और 19 पिस्तौल होते हैं।
- इसके अलावा हेक्लर ऐंड काच MP5 सब मशीनगन, AKM असाल्ट राइफल, AK 47, कोल्ट एम4 कार्बन भी दी जाती है।
- गरुड़ कमांडो के पास बिना किसी आवाज के सीधे टारगेट पर मिसाइल फ़ायर करने वाले इजराइल में बने कलर ड्रोन है।
- गरुड़ कमांडो को दुश्मन की टोह लेने, स्पेशल कॉम्बैट और रिस्क्यू ऑपरेशन के लिए ट्रेंड किया गया होता है।
- 200 UAV ड्रोन के साथ-साथ ग्रेनेड लांचर भी गरुड़ स्पेशल फोर्स के पास होती है।
गरुड़ कमांडो की सैलरी कितनी होती है?
एक Garuda Commando पद पर कार्यरत रहने वाले कैंडिडेट को प्रतिमाह 70,000 से 80,000 रुपए तक वेतन दिया जाता है।
Garuda Commando Kaise Bane. (FAQ)
1. गरुड़ कमांडो बनने के लिए कौन पात्र है?
2. गरुड़ कमांडो की हाइट कितनी होती है?
3. क्या कोई लड़की गरुड़ कमांडो से जुड़ सकती है?
4. गरुड़ कमांडो का क्या कार्य है?
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इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।