दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर हैI यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित हैI जहां पर हर दिन देश विदेश के हजारों लाखों श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैंI ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर प्रेत भूत आत्मा का साया होता हैI उस व्यक्ति को जरूर Mehandipur Balaji Mandir (राजस्थान) का दर्शन करना चाहिएI अगर आप भी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़िएगाI
क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में सभी जानकारी जैसे : मंदिर कैसे जाएं, बालाजी मंदिर कब जाना चाहिए, मेहंदीपुर कौन से जिले में आता है, मंदिर में अर्जी कैसे लगाएं, बालाजी मंदिर से लौटने के बाद क्या-क्या खाना चाहिए, मंदिर में प्रसाद क्या चढ़ाया जाता है, आरती कब होती है आदि जानकारी इस आर्टिकल में बताया जायेगाI
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Mehandipur Balaji Mandir का इतिहास
आज से 1000 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के स्थान पर बेहद घनी झाड़ियां बसी हुई थीI जहां पर जंगली जानवरों का निवास थाI लेकिन एक दिन श्री महंत जी महाराज को सपना आया और वे स्वप्न में उठे और चल पड़े, कहां जा रहे हैं उन्हें पता नहींI तभी अचानक उन्होंने देखा एक और से हजारों दीपक चलते आ रहे हैं, इसके साथ-साथ हाथी घोड़ों की आवाज आ रही थीI एक बहुत लंबी फौज चली आ रही थीI उस फौज ने महाराज बालाजी मंदिर की मूर्ति की तीन प्रदक्षिणाएं की, इसके बाद वापस चली गईI
यह देखकर महंत जी को आश्चर्य भी हुआ और डर भी लगने लगा, वे अपने गांव चले आएI और जब सो गए तो रात में उन्हें स्वप्न में तीन मूर्तियां दिखाई दीI महंत जी के कानों में आवाज आई, उठो और मेरे सेवा का भार संभालोI लेकिन महंत जी समझ नहीं पाए यह कौन कह रहा हैI इसके बाद हनुमान जी ने स्वप्न में उन्हें अपना रूप दिखाया और पूजा का आग्रह कियाI फिर क्या इसके बाद महंत जी ने अपने सपने की कहानी गांव वालों को बताया और गांव वालों की मदद से उस स्थान पर खुदाई की गई तो वहां से महाराज बालाजी की मूर्ति प्रकट हुईI जिसके बाद आगे जाकर यही स्थान बालाजी मेहंदीपुर मंदिर के नाम से जाना जाने लगाI
मुस्लिम शासन काल में कुछ बादशाहो ने इस बालाजी मूर्ति को नष्ट करने की सोची, बालाजी महाराज मूर्ति को उखाड़कर फेंकना चाहते थेI लेकिन अफसोस मूर्ति की खुदाई के लिए जितना अधिक जमीन खोदी जाती उतना ही मूर्ति का जड़ गहरा होता जाताI मूर्ति की जड़ कितनी गहरी है यह पता मुस्लिम बादशाह नहीं लगा पाएI और अंत में भगवान बालाजी महाराज का मूर्ति वहां से फेंकने का विचार छोड़ दियाI
इसके बाद सन् 1910 में बालाजी महाराज ने स्वता अपने सैकड़ों वर्ष पुराने चोला का त्याग कर दियाI इस चोले को लेकर श्रद्धालु मंडावर रेलवे स्टेशन पहुंचे, क्योंकि इस चोले को ले जाकर गंगा में प्रवाहित करना थाI यहां पर भी घटी एक घटना प्रसिद्ध है, उस समय ब्रिटिश स्टेशन मास्टर ने चोले को निशुल्क ले जाने के लिए रोक लियाI और उसका लगेज करने लगेI लेकिन महाराज बालाजी की महिमा चोला कभी ज्यादा भारी दिखाई देता, तो कभी कम भारी दिखाई देगाI
इसलिए ब्रिटिश स्टेशन मास्टर द्वारा चोला का लगेज शुल्क वसूलना मुश्किल हो गयाI उन्हें विवश होकर निशुल्क चोले को जाने देना पड़ाI इसके बाद छत्तीसगढ़ कुछ चोली को ले जाकर गंगा नदी में प्रवाहित करते हैं और महाराज बालाजी को नया चौड़ा चढ़ाया जाता हैI
पूरे विश्व में भूत प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए बालाजी मंदिर विख्यात हैI तंत्र मंत्र ऊपरी भूत प्रेत बाधाओं से ग्रसित व्यक्ति बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद बिना दवा के स्वस्थ होकर खुशी-खुशी घर लौटते हैंI मेहंदीपुर बालाजी आने के बाद आपको तीनों देवगणों को प्रसाद चढ़ाना चाहिएI बालाजी को लड्डू का प्रसाद, प्रेतराज सरकार को चावल का प्रसाद, कोतवाल कप्तान भैरव जी को उड़द का प्रसाद चढ़ाना चाहिएI
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भगवान हनुमान जी का मंदिर है, यह मंदिर भारत के राजस्थान के दौसा जिले में स्थित हैI भगवान बालाजी को हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है| मंदिर में स्थापित बालाजी मूर्ति में बाई छाती पर एक छेद है, जिनमें से हमेशा पानी की धार बहती रहती हैI इस पानी को एक टैंक में इकट्ठा करके भगवान बालाजी के चरणों में अर्पित करने के बाद इसे श्रद्धालुओं में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता हैI
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बनावट
मंदिर की बनावत राजपूत वास्तुकला से पूरी तरह से प्रभावित हैI मंदिर में चार प्रांगन है, पहले दो में भैरव बाबा की मूर्ति और बालाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की गई हैI इसके अलावा तीसरे और चौथे प्रांगण में प्रेतराज की मूर्ति स्थापित की गई है| जिन व्यक्तियों के ऊपर दुष्ट आत्माओं का साया रहता है, वे यहां पूजा करते हैंI इस मंदिर का वास्तु कला दृष्टि इस मंदिर की शोभा को और बढ़ा देती हैI हर दिन यहां हजारों लोग मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने आते रहते हैंI
मेहंदीपुर बालाजी कब जाना चाहिए
बालाजी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए साल के 12 महीने खुले रहते हैं| कोई भी भक्तगण कभी भी किसी भी समय मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जा सकता हैI अगर हम अपनी बात करें, तो मैं अगस्त के महीने में गया थाI यानी बरसात के मौसम में, इस मौसम में ना तो ज्यादा ठंडी होती है ना ही गर्मीI बल्कि बरसात के मौसम में चारों तरफ मौसम सुहावना होता हैI
अगर मेरी माने तो बरसात के मौसम में ही मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जरूर जाना चाहिएI क्योंकि गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी के कारण आप परेशान हो जाएंगेI और ठंडी के मौसम में ठंड के कारण आपको दर्शन करने में काफी परेशानी होगीI इसलिए बरसात के मौसम में जाएं, हल्के हल्के बारिश में भीग कर बाबा मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करना अत्यंत आनंद पूर्ण होता हैI
इसके अलावा जब आप बालाजी का दर्शन करने के बाद पहाड़ पर भैरव बाबा का दर्शन करने जाते हैं वहां से बरसात के मौसम में पहाड़ों से जो नजारा देखने को मिलता है वह अद्भुत होता है| हल्की हल्की बारिश में मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करना सच में बहुत ही आनंददायी होता हैI
मंदिर जाने से पहले जरूरी तैयारी
अगर आप मेहंदीपुर मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो जाने से पहले कुछ आवश्यक तैयारी आपको कर लेनी चाहिए जो इस प्रकार हैI क्योंकि अगर आप इसके बिना भगवान बालाजी का दर्शन करने जाते हैं, तो आपका दर्शन करना व्यर्थ जाएगाI
- जिस तारीख को आप जाना चाहते हैं उस तारीख से लगभग 10 दिन पहले से आपको प्याज और लहसुन खाना बंद कर देना हैI
- इसके अलावा 10 दिन लगातार नहा धोकर हनुमान जी की पूजा (हनुमान चालीसा) करनी हैI
- जाने से 1 दिन पहले आपको एक सूखा नारियल, डेढ़ मीटर लाल कपड़ा, मिर्च, लौग, अक्षत यानि खड़ा चावल, घर के चारों कोने की मिट्टी और 21 रुपया ले लेना हैI
- लाल कपड़े में इन सभी चीजों को बांध देना चाहिए, यहां पर आप को ध्यान देना चाहिए, बांधते समय लाल कपड़े में केवल 3 गांठ मारेंI
- इसके बाद परिवार का जो जो सदस्य मेहंदी बालाजी जा रहा है उन सभी के सिरों को एक बार में एक साथ 21 बार इस लाल कपड़े में बंधे वस्तु को घुमा लेना चाहिएI इसके बाद इसे खूंटी में टांग देना चाहिएI
- इसके अगले दिन जब आप सुबह उठे तो नहा धोकर परिवार के जो सदस्य मेहंदी बालाजी मंदिर जाना चाहते हैं, एक साथ पूजा करें, पूजा करने के बाद इस लाल गट्ठर को फिर से सभी सिर को मिलाकर एक बार में 21 बार घुमा ले, और तुरंत घर से बाहर निकल जाएंI
- एक बार जब घर से बाहर निकल जाएं दोबारा ना घर लौट कर आए और ना घर की तरफ मुड़ कर देखेंI
- इसके अलावा अगर आप Mehandipur Balaji Mandir दर्शन करने जा रहे हैं तो कम से कम 2-3 सेट कपड़े लेकर जरूर जाए, इसके अलावा रास्ते में खाने का भोजन अवश्य लेकर जाएI क्योंकि रास्ते में आपको जो भोजन मिलेगा, उसमें प्याज लहसुन मिला होगाI प्याज और लहसुन वाला भोजन आपको खाना नहीं हैI
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने का रास्ता
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आप बस द्वारा, ट्रेन द्वारा, हवाई जहाज द्वारा जा सकते हैंI लेकिन ज्यादातर यात्री रेलवे द्वारा मंदिर जाते हैंI अगर हम अपनी बात करें तो हम भी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रेन के द्वारा गए थेI मैंने शाहगंज रेलवे स्टेशन से सीधे बांदीकुई रेलवे स्टेशन (राजस्थान) का टिकट निकाला थाI वहां तक टिकट निकालने का मेरा लगभग ₹400 स्लीपर का खर्च आया थाI शाहगंज से बालाजी मंदिर जाने वाली ट्रेन मरुधर एक्सप्रेस हैI
इस प्रकार अगर आप भारत के किसी भी कोने से हो, और ट्रेन के द्वारा मेहंदी बालाजी मंदिर जाने की सोच रहे हैंI तो आपको बांदीकुई रेलवे स्टेशन राजस्थान का टिकट कटाना होगाI बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर हैI जब बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बाहर आएंगे तो वहीं पर आपको टेंपो/फोर व्हीलर वाहन मिल जाएंगेI जो आपको मंदिर पहुंचा देंगेI
अगर हम अपनी बात करें तो हम पूरे 15 लोग सपरिवार मेहंदीपुर बालाजी जाने के लिए बांदीकुई रेलवे स्टेशन से फोर व्हीलर वाहन बुक किया थाI जो हमें ले जाकर बालाजी मंदिर के निकट पहुंचा दिया थाI
मेहंदीपुर बालाजी पहुंचने के बाद रहने और खाने की व्यवस्था
अगर हम अपनी बात करें तो हम ट्रेन द्वारा 11:00 बजे के आसपास बांदीकुई रेलवे स्टेशन पहुंच गए थेI इसके बाद फोर व्हीलर वाहन बुक करके बालाजी मंदिर 12:30 के करीब पहुंच गई थेंI मेहंदीपुर बालाजी धाम आने के बाद आपको रहने की व्यवस्था के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं हैI
क्योंकि यहां श्रद्धालुओं के रुकने के लिए बहुत से धर्मशाला और होटल में कमरे बने हुए हैंI यहां आते ही लोग खुद आपके पास आते हैं और कमरे के बारे में बताने लगते हैI आपको जाकर रहने के लिए कमरा देख लेना है| अगर हम अपनी बात करें तो हम लोग पूरे 15 लोग थे इसलिए रहने के लिए तीन कमरा बुक किए थे, यहां पर कमरे में रहने के लिए कोई पाबंदी नहीं है, आप अपनी सुविधानुसार चाहे जितने लोग एक ही कमरे में रुक सकते होI
Mehandipur Balaji Mandir पर एक रात के लिए एक कमरे की कीमत लगभग ₹500 होती हैI कमरे के अंदर आपको पंखा, लाइट, अटैच लेट्रिन बाथरूम दिया जाता हैI इसके अलावा कमरे में एक बड़ी सी बेड होती है जिस पर गद्दा बिछा होता हैI इसके अलावा 2-3 तकिया भी रखा होता है जिस पर आप आराम से सो सकते हैंI
इसके अलावा अगर हम खाने की व्यवस्था की बात करें, तो आप किसी भी होटल में बेझिझक खाना खा सकते हैंI क्योंकि यहां पर आपको किसी भी होटल में भोजन में लहसुन और प्याज नहीं मिलेगाI
अगर हम अपनी बात करें तो हमने एक होटल में खाना खाया था जहां पर ₹60 में आप भरपेट भोजन खा सकते हैंI जिसमें दाल, चावल, कड़ी, चटनी, सब्जी, रोटी दी जाती हैI इसके अलावा हमने पानी पुरी, कचौड़ी आदि भी खाया थाI क्योंकि यहां पर कहीं भी आपको लहसुन प्याज से बना हुआ भोजन नहीं मिलेगाI
मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका
मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जो भी श्रद्धालु जाते हैं उन्हें सबसे पहले बालाजी मंदिर में अर्जी लगानी पड़ती हैI क्योंकि ऐसा माना जाता है अर्जी लगाने से श्रद्धालु के ऊपर भूत प्रेत आदि का जो साया होता है, वह हट जाता हैI मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी आप सुबह 7:00 बजे के बाद और शाम को 3:00 बजे के बाद लगा सकते हैंI
इसके लिए आपको बालाजी मंदिर के आस पास बहुत से दुकानें मिल जाएंगी, जहां से आपको अर्जी का सामान ले लेना हैI अर्जी के सामान के अंतर्गत आपको एक नारियल, अगरबत्ती, मिश्री, आदि चीजें दी जाती हैंI जिसकी कीमत ₹100 होती हैI अर्जी का सामान दुकान से लेने के बाद आपको बालाजी मंदिर धाम में प्रवेश करना है, गेट पर ही आपसे मंदिर सहायक कर्मियों द्वारा अर्जी का सामान ले लिया जाता हैI
इसके बाद आपको मेहंदी बालाजी के दर्शन करने को मिलते हैं, मेहंदी बालाजी का दर्शन करने का समय बहुत कम होता है, इसीलिए एक झलक बालाजी का दर्शन करें दान पेटी में अपनी इच्छा अनुसार दान करें और तुरंत आगे बढ़ जाएI बालाजी मंदिर में प्रवेश करने से लेकर बाहर निकलने तक आपको कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखना हैI
जब आप बालाजी का दर्शन करने के बाद दूसरे गेट से बाहर निकले, तो आपको फिर से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के मेन गेट पर आ जाना हैI और वहीं पर गेट पकड़ कर बैठ जाना हैI आंख बंद करके हाथ जोड़कर प्रभु हनुमान जी से अपनी अर्जी लगानी हैI यहां पर आपको बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो भूत प्रेत बाधा से परेशान होकर चिल्लाते चीखते रहते हैंI और बहुत से लोग गेट को पकड़कर चिल्ला चिल्ला कर अपनी अर्जी लगाते हैंI
इसके बाद शाम को 7:00 बजे मेहंदी बालाजी मंदिर के ठीक सामने राम जानकी मंदिर में नगाड़ा, मजीरा के साथ बहुत ही मधुर धुन में राम जानकी की आरती होती हैI इसके बाद Mehandipur Balaji महाराज की आरती होती हैI इसके बाद राम जानकी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाता है, प्रसाद लेने के बाद आप अपने रूम पर आ सकते हैंI
मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कैसे करें?
वैसे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी लगाना भी बालाजी का दर्शन करना ही हुआ, लेकिन जब आप सुबह मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाते हैं तो दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की काफी लंबी लाइन लगती हैI इसलिए जब भी आप सुबह के टाइम मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाएं तो जल्दी जाने की कोशिश करें ताकि आपका नंबर जल्दी आ जाएI मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के लिए गेट 7:00 बजे खुल जाता हैI
इसके बाद लाइन में लगे सभी श्रद्धालु हाथ में लड्डू लेकर बालाजी महाराज का दर्शन करने के लिए धीरे धीरे एक कतार में आगे बढ़ते हैंI बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद दान पेटी में कुछ रुपए डालने के बाद दूसरी मंजिल पर चले जाना हैं, वहां पर भी भैरव काल का दर्शन करने के बाद दूसरी गेट से बाहर निकल आना हैंI
दर्शन करने के बाद आसपास आपको और भी देवी-देवताओं जैसे काली माता, काल भैरव, आदि का मंदिर भी मिल जाता हैI जहां पर आप को दर्शन करना चाहिए| जब आप पहाड़ी पर काली माता का दर्शन करने जाएं, तो ₹120 का नींबू और नारियल, चुनरी लेकर अपने ऊपर बाधा को पुरोहित के द्वारा कटवा सकते हैंI
ऐसा माना जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के दौरान आप जितना प्रसाद चढ़ाते हैं उस प्रसाद को घर नहीं ला सकते हैंI वह प्रसाद वहीं पर खाकर खत्म करना होता है, और जो व्यक्ति जितना प्रसाद चढ़ाया है उसे ही वह प्रसाद खाना पड़ता हैI
बालाजी मंदिर के आसपास घूमने वाली जगह
अगर आप अपनी मनोकामना लेकर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने की सोच रहे हैं| तो भगवान बालाजी महाराज का दर्शन करने की साथ साथ मंदिर के आसपास इन जगहों पर जरूर जाएंI जहां पर आपको बेहद शांति और आनंद का अनुभव होगाI
बालाजी मंदिर के आसपास कई मंदिर है जहां पर आप को दर्शन करने अवश्य जाना चाहिएI जैसे : अंजली माता मंदिर, तीन पहाड़ पर स्थित काली माता जी का मंदिर, गणेश जी का मंदिर जो कि सात पहाड़ पर स्थित है, पंचमुखी हनुमान जी का मंदिरI इसके अलावा यहीं पर आपको समाधि वाले बाबा का स्थान मिल जाएगा, जहां पर लोग दर्शन करने जाते हैंI

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आने के बाद आपको इस प्रकार तस्वीर में दिखाई दे रहे काफी विशाल काय हनुमान जी का मूर्ति देखने को मिल जाएगाI जहां पर आप को सुरसा डायन, राम सीता, इसके अलावा अन्य देवी देवताओं की मूर्ति देखने को मिल सकती हैI
हनुमान जी का बना हुआ यह मूर्ति काफी विशालकाय हैI आप इस तस्वीर को देखकर समझ सकते हैं, कि हर व्यक्ति हनुमान जी की मूर्ति के सामने कितना छोटा छोटा दिख रहा हैI इसलिए जब भी आप मेहंदीपुर बालाजी जाएं तो इस स्थान पर बना विशालकाय हनुमान जी की मूर्ति देखने जरूर जाएंI
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस आते समय जरूरी बातें
मंदिर से वापस लौटते समय आपको नीचे दी गई निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिएI नहीं तो आपका मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करना व्यर्थ चला जाएगाI
- मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करते समय कभी भी पीछे मुड़कर ना देखें, बस दर्शन करते हुए आगे निकलते चले जाएI
- मंदिर के आसपास किसी भी व्यक्ति से कोई बात नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी वस्तु को छूना चाहिएI
- मेंहदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद घर आते समय वहां से प्रसाद नहीं लाना चाहिएI इसके अलावा वहां से और कोई खाने वाला सामान नहीं लाना चाहिएI
- बल्कि अगर आपके पास खाने का सामान है तो उसे रास्ते में ही फेंक देना चाहिए और खाली झोली अपने घर आना चाहिएI
- घर आने के बाद आप को 11 दिन या 21 दिन लगातार रोजाना हनुमान जी की पूजा (हनुमान चालीसा और आरती) करनी है| इसके अलावा गाय के घी से ज्योति जलानी हैI
- मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के बाद जब आप घर आए तो आपको लगातार 40 दिन तक लहसुन, प्याज, शराब, मांसाहारी भोजन से दूर रहना हैI
मेहंदीपुर बालाजी प्रश्नोत्तर
मेंहदीपुर बालाजी महाराज की अर्जी लगाने की प्रक्रिया इस आर्टिकल में ऊपर दिया गया है जिससे आप पढ़ सकते हैंI
अगर आप मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करने ट्रेन के द्वारा जा रहे हैI तो सबसे नजदीकी स्टेशन बांदीकुई रेलवे स्टेशन (राजस्थान) हैंI यहां से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर हैI बांदीकुई रेलवे स्टेशन से टैक्सी बुक करके आप बड़ी आसानी से जा सकते हैंI
बालाजी मंदिर मंदिर राजस्थान के जिला दौसा, तहसील सिकराय, गांव मेहंदीपुर में पड़ता हैI
बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर हैI
दिल्ली से बालाजी मंदिर जाने का लगभग 4 घंटे 58 मिनट का रास्ता हैI
बालाजी मंदिर जाने से ऐसा माना जाता है, जो भी भूत प्रेत ऊपरी बाधाएं होती है वह खत्म हो जाती हैI
मंदिर से आने के बाद 41 दिन तक सात्विक आहार लेना चाहिएI यानी आपको 41 दिन तक लहसुन प्याज से बने भोजन का त्याग करना पड़ेगाI इसके अलावा मांसाहारी भोजन और शराब से दूर रहना पड़ेगाI
जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी 299 किलोमीटर हैI
अगर अब मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाने की सोच रहे है, तो जाने से 10 दिन पहले से आपको लहसुन, प्याज, मांस, शराब खाना छोड़ देना होगाI इसके बाद जब आप मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करके घर वापस आते हैं, तो 41 दिन तक आपको लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का परहेज करना होगाI 41 दिन के बाद पंडित को बुलाकर हवन कराएं, इसके बाद लहसुन प्याज मांस मदिरा खा सकते हैंI
होली के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाते हैं, इसलिए प्रतिवर्ष होली के दिन मेहंदीपुर बालाजी का मेला लगता हैI
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं बजरंग बालाजी की पूजा शनिवार और मंगलवार को की जाती हैI इसलिए मेहंदीपुर बालाजी शनिवार और मंगलवार के दिन जाना ज्यादा लाभकारी होता हैI शनिवार और मंगलवार के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ होती हैI
मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के पास स्थित हैI
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सुबह खुलने का समय 6:00 बजे, जबकि सुबह दर्शन करने का समय 7:30 से 11: 30 बजे तक हैI परदा गिरने का समय सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक हैI
ऐसी मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी से प्रसाद घर लाते समय भूत प्रेत आदि बाधाएं वापस चली आती हैI इसलिए मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के बाद कोई भी श्रद्धालु घर आते समय वहां से प्रसाद नहीं लाता हैI
नहीं, मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद ना तो खाया जाता है, ना किसी को दिया जाता है, ना घर लाया जाता है, बस इसे मंदिर में चढ़ाया जाता हैI
निष्कर्ष
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने Mehandipur Balaji Mandir के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताई हैंI लेकिन फिर भी अगर आपके मन में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से संबंधित कोई सवाल है, तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैंI मैं आपको एक बार फिर कहना चाहता हूं, अगर आपके घर में कोई भी व्यक्ति भूत, प्रेत जैसे बाधाओं से परेशान हैंI तो उसे एक बार जरूर मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन कर लेना चाहिएI
करणी माता जी मंदिर बीकानेर राजस्थान की संपूर्ण जानकारी |
खाटू श्याम जी दर्शन आनलाइन बुकिंग |
कोर्ट मैरिज कैसे करें |
बिजली विभाग को एप्लीकेशन कैसे लिखें |

इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।
Ghar tasveer laye to balaji ki hum use apni Pooja m rakh skte hai yaa nhi
rakh skte hai
श्री मान जी,राम राम,,लाल कपडा जिसमे सुखा नारियल और लाल मिर्च इत्यादी है उस का क्या करना है आपने नही बताया ,,,किरपा बताये,,,जय हनुमानजी
mandir mi badhana hai
Ghar k 3 members hain to hm sbhi ka aan jruri hai ya koi b ek bhi aa skta hai.Ghr mein buri shktiyan bhi hain.
ek log bhi ja sakte hai