Durga Puja Samagri List in Hindi : दुर्गा पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, दुर्गा माता की पूजा करने वाली भक्तों की कमी नहीं है। इसलिए आज के आर्टिकल में हम Durga Puja Samagri List के बारे में बताने वाले हैं। दुर्गा पूजा भारत देश में हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। हिंदू इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम और खुशी से मनाते हैं दुर्गा पूजा 9 दिन मनाया जाता है, जिसे नवरात्रि का नाम भी रखा गया है, दसवें दिन विसर्जन होता है।

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दुर्गा पूजा के समय मां दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित होती है, जो कश्ती दिन से पूजा जाता है। दसवें दिन मूर्ति विसर्जन होता है, जो दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

इसके अलावा भी भारत में रहने वाले Durga Mata के लाखों भक्त सोमवार के दिन भी दुर्गा माता की पूजा करते हैं। सोमवार के दिन माता दुर्गा का उपवास करते हैं। आज के आर्टिकल में हम आपको दुर्गा माता की पूजा विधि, दुर्गा पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी, आदि के बारे में विस्तार से बताने वाला हूं।

हम आपको बता दे दुर्गा माता महिषासुर जैसे राछस का वध करती हैं, इसके उपलक्ष्य में दुर्गा पूजा मनाया जाता है। कुछ लोग 9 दिन मनाते हैं और कुछ जगह तो एक हफ्ते में ही समाप्त कर देते हैं। दुर्गा पूजा कोलकाता जैसे शहरों में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा दुर्गा पूजा दिल्ली, उत्तर प्रदेश ,गुजरात ,पंजाब, महाराष्ट्र आदि शहरों में मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?

दुर्गा पूजा भारत देश में एक धार्मिक, सांस्कृति, आध्यात्मिक और संस्कारिक पर्व है, इसे हिंदू बहुत ही धूमधाम और खुशी से मनाते हैं। Durga Poja Navratri के रूप में भी मनाया जाता है, कि जो कश्ती दिन से शुरू होती है और दसवें दिन समाप्त किया जाता है। लोग दुर्गा मां की मूर्ति स्थापित करते हैं और 9 दिन उनका पूजन करते हैं और दसवें दिन मूर्ति विसर्जन करते हैं।

मां दुर्गा महिषासुर जैसे राछस का वध करती हैं इसके उपलक्ष्य में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में पूरी व्यवस्था के साथ यह पूजा प्रक्रिया करते हैं और 9 दिन का व्रत भी रखते हैं। इनका पूजा कर विधि के द्वारा संपन्न करते हैं तथा अंतिम दिन पंडित के द्वारा पूजन करके पूजा विधि विधान को समाप्त करते हैं।

दुर्गा पूजा कई कथाओं से जुड़कर बना हुआ है। एक बार महिषासुर नामक राक्षस को भगवान श्री ब्रह्मा जी द्वारा आशीर्वाद पाकर बहुत ही उत्पाद मचाने लगा भगवान श्री ब्रह्मा जी ने उसको यह आशीर्वाद दिया था। कि वह इतना शक्तिशाली हो जाएगा उसे पर कोई देवी देवता या रक्षा दोनों आक्रमण नहीं कर पाएगा अर्थात उसको परास्त नहीं कर सकता है।

वह यह शक्ति पाकर बहुत ही आतंक मचाने लगा, वह स्वर्ग लोक में और पृथ्वी लोक पर बहुत ही आतंक मचाने की वजह से लोगों पर काफी असर पड़ने लगा, एक बार वह स्वर्ग लोक में आतंक मचाया जिसको देखकर सभी देवी देवता परेशान हो गए, वे सब त्रिमूर्ति ब्रह्मा विष्णु और महेश के पास जाते हैं। सभी देवी देवता मां दुर्गा के पास जाकर उनका सृजन करते हैं।

इसके पश्चात मां दुर्गा उसे 9 दिन युद्ध करती हैं दसवें दिन राक्षस को मार करके विजय हासिल करती हैं। इसके उपलक्ष्य में यह दुर्गा पूजा मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का का अर्थ होता है बुराइयों को दूर भागना और अच्छाई को ग्रहण करना। इसे यह भी माना जाता है कि, दुर्गा मां का शक्ति भी प्रदान होता है और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है।

दुर्गा पूजा शुरू कैसे हुई?-इसकी कथा

इतिहास के द्वारा हमें पता चलता है कि 1576 में राजा कंस नारायण ने अपने गांव में दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। जिसमें वह पांडाल सजे हुए थे और पूजा कर विधि से करते हैं। जबकि कुछ विद्वानों का मत है कि मनुसहिंता के टीकाकार कुल्लू भट्ट के पिता उदय नारायण ने सबसे पहले दुर्गा पूजा मनाया था। उसके बाद उसके पोट राजा कंस नारायण ने दुर्गा पूजा अपने गांव में मनाया था।

दुर्गा पूजा किसका प्रतीक है?

दुर्गा पूजा राजा महिषासुर पर दुर्गा माता विजय प्राप्त करती हैं, और पूरे देश में जश्न मनाया जाता है। यह उसी दिन शुरू होता है जिस दिन नवरात्रि का पहला दिन होता है। कई उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में इसे नवरात्रों के रूप में मनाया जाता है। जिसमें स्त्री पूजन किया जाता है और देवी माता का पूजा-अर्चना पंडाल द्वारा सजाकर किया जाता है।

दुर्गा पूजा विधि

दुर्गा पूजा हिंदुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण पूजा है, जो आप नवरात्रि के समय किसी दिन से भी पूजा शुरू कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करके लाल वस्त्र में आप पूजा को कार्य विधि कर सकते हैं।

दुर्गा पूजन को समाप्ति करने से पहले नौ कीप बुलाकर पूजन किया जाता है और ब्राह्मण के मंत्रों द्वारा पूजा कर विधि को समाप्त किया जाता है।

दुर्गा पूजा के दसवें दिन अर्थात मूर्ति विसर्जन के दिन मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। उसके बाद भंडारा करके समाज में पूजा को कार्य विधि संपन्न किया जाता है।

दुर्गा पूजा संकल्प

दुर्गा पूजा करने से संकल्प ले। उसके पहले हाथ में जल, चावल और फूल लेने जिस तिथि पर आप पूजा कर रहे हैं। उसे वर्ष तिथि का नाम ले अपना नाम ले और अपनी इच्छा व्यक्त करते समय जल को नीचे जमीन पर छिड़के।

मां दुर्गा की पूजा विधि इन हिंदी

अपने बाएं हाथ में जल ले और दाहिने हाथ में अनामिका अंगुली जल का छिड़काव करें और मन ही मन मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा भक्ति के साथ घी का दीपक जलाएं, दीपक रोली, कुंक, अक्षत, पुष्प रखकर पूजा करें।

  • अगरबत्ती/धूप बत्ती जलाएं
  • जल से भरा हुआ कलश रखें जिसको रोली, अक्षत, पुष्प से सजाकर पूजन करें।
  • सर्वप्रथम गणेश जी की पूजन करें।
  • पूजा करते समय दुर्गा मां का मंत्र पढ़ें,
  • अक्षत और फूल/पुष्प दुर्गा मां की मूर्ति पर समर्पित करें।
  • दुर्गा मां की मूर्ति पर जल और दूध का पंचामृत स्थान करें।
  • मिठाइयां एवं सेब केला आदि फलों का नैवेद कराए।
  • मां दुर्गा की मूर्ति/प्रतिमा के सामने नारियल अर्पित करें।
  • आचवन के लिए जल अर्पित करें।
  • श्री दुर्गा मां की आरती का पाठ करें।
  • पुष्पांजलि मां दुर्गा के चरणों में अर्पित करें।

पूजा समाप्त होने के पश्चात दुर्गा पूजा में होने वाली कमी दोनों हाथ जोड़कर क्षमादान मांगे और उनका आशीर्वाद ले। अपने दोनों हाथों को जोड़कर अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते हैं और त्रुटियों का क्षमादान ले सकते हैं।

दुर्गा पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी

दुर्गा पूजा बहुत ही खुशी और धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान एक पंडाल सजाया जाता है,जिसमें सभी लोग पूजा अर्चना करते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि दुर्गा पूजा के लिए क्या क्या सामान लगता है। नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट इस प्रकार है-

  • दुर्गा पूजा शुरू करने से पहले मां दुर्गा की मूर्ति/प्रतिमा स्थापित की जाती है।
  • केसर/ सिंदूर /धूप कपूर/ अगरबत्ती /वस्त्र
  • चूड़ी- कंगन /कंघी तेल/ बेदनवार आम के पत्ते का
  • हल्दी की गांठ और पीसी हल्दी।
  • जावित्री/ नारियल /आसान /रेत/ मिट्टी।
  • बेलपत्र/ कमल गट्टा /दीपक बत्ती /दीपक ।
  • मधु /शक्कर/ पंचमेवा /जायफल।
  • दही /फल सरसों सफेद और पीली
  • गंगाजल और नवग्रह पूजन के लिए पुष्प।
  • मिठाई/ फल/ बताशा
  • लौंग/ इलाइची/पान/सुपारी

FAQs

1. दुर्गा पाठ में क्या-क्या सामान लगता है?

दुर्गा पाठ में लगने वाला सामान : दुर्गा मां की फोटो, कपूर, धूप, सिंदूर, केसर, चौकी, कंगी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, कंगन, चूड़ी, सुगंधित संबंधित तेल, दुर्गा सप्तशती किताब, पानी वाला नारियल, बंदनवार आम के पत्तों का, सुपारी, हल्दी की गांठ, मेहंदी, बिंदी, पिसी हुई हल्दी, पंच मेवा, लोबान, आसान पत्र, घी आदि। जिसकी जानकारी इस आर्टिकल में दिया गया है।

2. दुर्गा मां को क्या-क्या चढ़ाना चाहिए?

दुर्गा मां को पुष्प के रूप में कमल, गुड़हल, गुलाब, गेंदा का फूल चढ़ा सकते हैं।

3. देवी दुर्गा को कौन सी मिठाई चढ़ाएं?

देवी दुर्गा मां को हमेशा सफेद रंग की मिठाई चढ़ाई जाती है। जैसे दूध से बनी मिठाई, नारियल की मिठाई आदि।

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