Prem Mandir Ka Rahasya : प्रेम मंदिर का रहस्य तथा इतिहास की जानकारी

तो दोस्तों आज हम अपने आर्टिकल के द्वारा Prem Mandir Ka Rahasya तथा उसके इतिहास के बारे में बताने वाले हैं। जिसको पढ़कर आपको यह ज्ञान प्राप्त होगा कि प्रेम मंदिर का रहस्य तथा इतिहास क्या था। प्रेम मंदिर एक बहुत ही अनोखा मंदिर है, जिसमें राधा रानी और श्री कृष्ण की मूर्ति रखी गई है।

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जिसके साथ-साथ प्रभु श्री राम और सीता जी की भी मूर्ति रखी गई है। कहा जाता है कि श्री कृष्णा और राधा रानी का अटूट प्रेम की वजह से यह मंदिर का निर्माण कराया गया है जो की प्रेम मंदिर के नाम से विख्यात है। प्रेम मंदिर एक अटूट प्रेम के उपलक्ष्य में यह बनाया गया है। तथा राधा रानी और श्री कृष्ण जी की लीला एवं उनके अटूट प्रेम के बारे में नजर रखते हुए यह मंदिर का निर्माण कराया गया है। प्रेम मंदिर को देखने के लिए देश-विदेश के लोग भी आते हैं।

प्रेम मंदिर 1 जनवरी 2001 को निर्मित करने का कार्य शुरू हुआ, जिसमें 10000 मजदूर काम किए। 10 साल बाद यह मंदिर बन कर तैयार हुआ था, उसके बाद ही लोगों के लिए यह मंदिर खोला गया। प्रेम मंदिर सफेद पत्थर संगमरमर के पत्थरों से निर्मित किया गया है। यह मंदिर अपने भव्य एवं आकर्षक बने से दूर-दूर के श्रद्धालु प्रेम मंदिर राधा कृष्ण के प्रेम की निशानी भी मानी जाती है, जहां उनका अटूट प्रेम विख्यात है।

Table of Contents

प्रेम मंदिर किसने बनवाया था?

प्रेम मंदिर श्री कृष्णा तथा राधा रानी के अटूट प्रेम की वजह से विख्यात है, जिसका निर्माण जग्गुरू श्री कृपालु जी के द्वारा यह मंदिर का निर्माण कराया गया। प्रेम मंदिर का उद्घाटन समारोह 15 फरवरी 2012 में किया गया। इसका निर्माण 150 करोड रुपए में पूर्ति हुई और जहां 2500 श्रद्धालुओं की उपस्थिति में इस आधारशिला का का निर्माण किया गया है।

प्रेम मंदिर निर्माण की वास्तुकला और वातावरण

प्रेम मंदिर की कुल ऊंचाई 125 फुट, लंबाई 122 फुट तथा चौड़ाई 115 फीट है। इटालियन करारा संगमरमर का प्रयोग करके प्रेम मंदिर को बनाया गया है। इसके अलावा प्रेम मंदिर के दीवारों पर बरीकी नक्काशी भी की गई है। संगमरमर के पत्थरों पर गोविंद राधा गीत भी सरल भाषा में लिखा गया है। प्रेम मंदिर के पहली मंजिल पर श्री कृष्णा और राधा जी के आकर्षण मूर्ति स्थापित है, जबकि दूसरी मंजिल पर राम और सीता की मूर्तियां स्थापित है। 

प्रेम मंदिर के प्रवेश द्वार पर आठ मोरों की नक्काशी दर तोरण लगे हुए हैं, इसके अलावा मंदिर के बाहरी भाग पर यानी दीवारों पर भगवान श्री कृष्णा और राधा जी की लीलाओं को प्रदर्शित किया गया है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा कनिष्ठ उंगली पर उठाया गया गोवर्धन पर्वत की झांकी भी प्रेम मंदिर में दिखाई देती है। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की झूलन लीला, कालिया नाग दमन, राधा कृष्ण की मनोहर झांकियां आदि को प्रदर्शित किया गया है।

प्रेम मंदिर के गर्भ गृह की दीवारे 8 फीट मोटी बनाई गई है। जिस पर एक विशाल शिखर, एक ध्वज तथा एक स्वर्ण कलश रखा गया है। मंदिर के बाह्य भाग तथा आंतरिक भाग में प्राचीन भारतीय वास्तु शिल्प की श्रेष्ठ नक्काशी और पच्चीकारी की गई है। मंदिर में कुल 94 स्तंभ बनाए गए हैं और प्रत्येक स्तंभ पर भगवान कृष्ण और राधा की विभिन्न लीलाओं को दर्शाया गया है।

इस मंदिर के अंदर म्यूजिकल फाउंडेशन सो भी शामिल किया गया है। जिसके म्यूजिक से लोगों के अंदर शांति और प्रेम की भावना जागती है। जो श्री कृष्णा और राधा जी के अटूट प्रेम की वजह से विख्यात है। यह मंदिर संगमरमर के सफेद पत्थरों से निर्माण किया गया है। जिसकी भव्यता एवं विशालकाय लोगों के हृदय में प्रेम और श्रद्धा के प्रति जागृत करता है।

प्रेम मंदिर का रहस्य तथा इतिहास

प्रेम मंदिर के निर्माण की अवधारणा निम्न है। जहां श्री कृष्णा और राधा रानी के अटूट प्रेम के बारे में बताया गया है। चलिए हम बताते हैं कि प्रेम मंदिर के रहस्य की बातें क्या-क्या थी।

वृंदावन का प्रेम मंदिर विश्व में विख्यात है, जो श्री कृष्ण के भक्त लोग देश-विदेश से देखने आते हैं। यह मंदिर बहुत ही भव्य एवं विशालकाय के रूप में निर्माण कराया गया है। इस मंदिर के बाहर एवं अंदर चित्रकारियों शैलियों से इस मंदिर को इस प्रकार बनाया गया है, कि जो भी देखे वह भक्ति प्रेम जैसी भावना उसके अंदर अपने आप ही जाग जाता है।

इस मंदिर के अंतर्गत भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के मूर्ति के साथ-साथ प्रभु श्री राम और माता सीता की भी मूर्ति रखी गई है। आपको सुनकर सबसे हैरानी की बात यह होगी कि इस मंदिर का निर्माण 1000 मजदूरों ने 10 साल में बनाकर तैयार किए थे।

भगवान श्री कृष्णा समर्पित प्रेम मंदिर का निर्माण 2001 से शुरू की गई थी, जो 15 फरवरी 2012 को बनाकर निर्मित हुई। इस मंदिर का निर्माण जग्गुरू श्री कृपालु जी के द्वारा किया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई 125 फीट और चौड़ाई 117 फिट है, जो श्रद्धालुओं के उपलक्ष्य में इस मंदिर का गेट खोला गया।इस मंदिर के बाहर लाइटों की इतना लुभावना व्यवस्था की गई है कि रात के समय जगमगाती रोशनी को देखकर हर किसी का मन प्रेम मंदिर के भक्ति एवं टूट प्रेम से जुड़ जाता है।

वृंदावन का प्रेम मंदिर का मुख्य आकर्षण श्री कृष्ण की झांकियां और माता सीता की परी वाला बैग और श्री कृष्ण की गोवर्धन एवं उनके बचपन की लीला को दर्शाया गया है। जो मूर्ति एवं चित्रकारों के रूप में सभी चीजों को दर्शाया एवं दिखाया गया है।

Vrindavan ka Prem Mandir सफेद संगमरमर पत्थर से निर्मित किया गया है। जो दिन के समय सफेद रंग में चमकता है और रात के समय लाइट की सजावट की वजह से रंग-बिरंगे कलर में चमकता है। जिससे श्रद्धालुओं एवं भक्तों के मन में प्रेम मंदिर के प्रति अटूट प्रेम जागृत होता है।

इस मंदिर की सत्संग के लिए उच्च एवं भव्य मंदिर अर्थात भवन का निर्माण कराया गया है। जिसमें 25000 श्रद्धालु एक साथ बैठकर पूजा सत्संग एवं अर्चना वंदना कर सकते हैं। इसलिए यह मंदिर अपने आप में एक भव्य विशालकाय जैसे इतिहास से जुड़ी हुई है।

वृंदावन का यह मंदिर श्री कृष्णा और राधा रानी के अटूट प्रेम एवं गोपियों से संबंधित लोगों के मन में आस्था एवं भक्ति जैसी भाव उत्पन्न कराने के लिए इस मंदिर की चित्रकारी की गई है। जिसके द्वारा लोगों को यह जानकारी प्राप्त होगी, राधा रानी और श्री कृष्ण का अटूट प्रेम किस प्रकार था।

प्रेम मंदिर खुलने का समय

  • प्रेम मंदिर सुबह 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। लेकिन मंदिर में दर्शन, आरती तथा कार्यक्रम का अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। जो इस प्रकार है-
  • प्रेम मंदिर में सुबह 5:30 बजे से लेकर 6:30 के बीच श्रद्धालु दर्शन करने जा सकते हैं। इस समय मंदिर में आरती और परिक्रमा होती है।
  • 6:30 बजे से लेकर 8:30 बजे तक प्रेम मंदिर को भोग के लिए बंद कर दिया जाता है।
  • इसके बाद 8:30 बजे से लेकर दोपहर के 12:00 तक प्रेम मंदिर के द्वारा को खोल दिया जाता है, ताकि दर्शनार्थी अंदर जाकर प्रेम मंदिर का भव्य दर्शन कर सके।
  • इसके बाद दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक मंदिर को बंद रखा जाता है।
  • इसके बाद पुनः शाम 4:30 बजे से लेकर 5:30 के बीच मंदिर को खोला जाता है, इस समय आरती और दर्शन किए जाते हैं।
  • इसके बाद पुन 5:30 बजे से लेकर 8:00 बजे के बीच प्रेम मंदिर में भोग के लिए द्वारा को बंद कर दिया जाता है।
  • इसके बाद 8:00 बजे से लेकर रात 8:30 के बीच शयन आरती और दर्शन होते हैं, फिर मंदिर के द्वारा को बंद कर दिया जाता है।

प्रेम मंदिर रात का सीन

वृंदावन का प्रेम मंदिर राधा रानी और श्री कृष्ण के अटूट प्रेम की वजह से इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। यह मंदिर अपने आप में एक भव्य एवं विशालकाय मंदिर है जिसमें वास्तु कला एवं सजावट चित्रकारियों द्वारा इतना लुभाने बनाया गया है। कि देश विदेश के लोग भी देखने आते हैं, जो यह काफी लुभाने एवं सुंदर चित्रकारियों से सुसज्जित किया गया है।

प्रेम मंदिर के अंदर एवं बाहर लाइट की इतनी सजावट की गई है कि रात के समय जगमगाती रोशनी को देखकर श्रद्धालुओं के मन में प्रेम आस्था की भावना जागृत होती है। जो लाइट रात में प्रति सेकंड से इसकी रंग यानी की कलर चेंज होती रहती हैं, जो अत्यधिक लुभाने एवं प्रशंसा की जाने वाली जैसी आस्था है।

प्रेम मंदिर के अंदर म्यूजिकल फाउंटेशन शो 

प्रेम मंदिर के अंदर फाउंडेशन शो काफी लुभावना बनाया गया है। जिसमें रोशनी संगीत और पानी का इतना सुंदर प्रदर्शनी किया गया है, कि रात के समय लाइटिंग की वजह से यह अत्यधिक लुभाने एवं सुहावना दिखता है।

इस प्रेम मंदिर के अंतर्गत सीजन के हिसाब से काफी शो भी किए जाते हैं, जो अलग-अलग सो प्रदर्शित किए जाते हैं। गर्मियों के सीजन में 8 बजे से शुरू हो जाता है जो सर्दियों के समय में 6 बजे से ही शुरू हो जाता है।

प्रेम मंदिर के अंदर मनाए जाने वाले उत्सव

प्रेम मंदिर के अंदर श्री कृष्ण की जन्माष्टमी और राधाष्टमी अनेक श्रद्धालुओं एवं दर्शकों के बीच मनाया जाता है। इस मंदिर के अंदर अनेक लाइटिंग की व्यवस्था और बढ़ाई जाती है एवं म्यूजिकल फाउंटेंशन अत्यधिक सुरीली एवं लुभाने दर्शाया जाता है।

प्रेम मंदिर के रोचक तथ्य

  • राजस्थानी सोमनाथ गुजराती स्थापत्य शैली द्वारा प्रेम मंदिर का निर्माण किया गया है, जो 54 एकड़ में फैला हुआ है।
  • प्रेम मंदिर के निर्माण में लगभग 150 करोड रुपए खर्च आया था।
  • प्रेम मंदिर के निर्माण में कुल लगभग 10 साल का समय लगा था।
  • प्रेम मंदिर का निर्माण कुल 1000 शिल्पकारों द्वारा मिलकर तैयार किया गया था।
  • प्रेम मंदिर के अंदर प्रवेश करना बिल्कुल निशुल्क है, यहां पर किसी श्रद्धालु से कोई पैसा नहीं वसूला जाता है।
  • रात के समय प्रेम मंदिर का आकर्षण अलग नजर आता है क्योंकि रात के समय रंग बिरंगी लाइटिंग द्वारा भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं और झांकियां को दिखाया जाता है।
  • मंदिर के किनारे किनारे 48 फलक बनाए गए हैं, जो राधा कृष्ण की अतीत के लीलाओं को दर्शाते हैं।
  • प्रेम मंदिर के दीवार और फर्श को रंगीन और कीमती पत्थरों से बनाया गया है, जो बेहद आकर्षक लगता है।
  • मंदिर के पूरा परिसर में रंग बिरंगी लाइट लगाया गया है, जिसकी रोशनी हर 5 मिनट में बदलती रहती है।

FAQs

1. वृंदावन के प्रेम मंदिर का निर्माण किसने कराया है?

वृंदावन प्रेम मंदिर का निर्माण जग्गुरू श्री कृपालु जी ने कराया है।

2. प्रेम मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ?

प्रेम मंदिर का निर्माण 1 जनवरी 2001 से शुरू किया गया।

3. प्रेम मंदिर कब बनकर तैयार हुआ तथा इसका उद्घाटन कब हुआ?

प्रेम मंदिर 2012 में बनकर तैयार हुआ, जिसका उद्घाटन 15 फरवरी 2012 को 2500 श्रद्धालुओं के उपलब्ध में कराया गया।

4. प्रेम मंदिर कहां है?

प्रेम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के निकट वृंदावन में स्थित है।

5. वृंदावन के इस प्रेम मंदिर को प्रेम मंदिर क्यों कहा गया?

जब गुरु श्री कृपाल जी श्री कृष्ण के अन्नत भक्त थे, जिन्होंने प्रेम मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में श्री राधा और श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसके साथ साथ-साथ भगवान श्री राम और सीता माता की भी मूर्ति स्थापित की गई है। जो श्रद्धालुओं के अंदर प्रेम जैसी भावना उत्पन्न होती है।

6. शाम के टाइम प्रेम मंदिर का गेट कितने बजे बंद होता है?

प्रेम मंदिर का गेट सुबह 5:30 बजे खुल जाता है, जो 7:00 बजे के अंदर आरती हो जाती है और 12:00 तक खुला रहता है। तत पश्चात 1:00 के बाद फिर गेट बंद हो जाती है जो 2:00 बजे खुलता है और रात 9:00 बजे तक बंद हो जाता है।

7. प्रेम मंदिर की खास बातें चीजे क्या है?

प्रेम मंदिर में 95 कला मंडित स्तंभ है, इस मंदिर के दीवारों पर नक्काशी एवं चित्रण इतना लुभाने किया गया है। कि श्रद्धालुओं एवं दूर देश-विदेश के देखने वालों के अंदर प्रेम की भावना जागृत होती है। यह मंदिर एक भाव एवं विशालकाय के रूप में आकर्षण है।

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