दोस्तों हमारे भारत देश में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत अधिकांश करके किसी शुभ दिन या तारीख पर शुरू की जाती है। भारत वासियों का ऐसा मानना है कि शुभ दिन पर किए गए कार्यों में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है। शुभ मुहूर्त का जिक्र ज्योतिष शास्त्र में भी किया गया है। ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार किसी भी नए घर का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त निकलवा लेना चाहिए। आज के आर्टिकल में हम यही जानने वाले हैं, कि Bhumi Poojan Kis Disha Me Kare. भूमि पूजन मुहूर्त 2023 क्या है?
इस आर्टिकल में भूमि पूजन की मुहूर्त (Bhumi Pujan Muhurat) तिथियां की जानकारी विस्तार से दी गई है। इसलिए अगर आप भी अपने नए घर का निर्माण करवा रहे हैं, तो भूमि पूजा मुहूर्त के अनुसार भूमि पूजन करने के बाद ही घर का निर्माण करवाएं।
भूमि पूजन क्या है?
भूमि का अर्थ है पृथ्वी, और पूजन का अर्थ है पूजा करना यानी पृथ्वी की पूजा करना। भूमि पूजन करना एक हिंदू अनुष्ठान है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भूमि पर शुभ कार्य करने से पहले भूमि की पूजा अर्चना करने से भूमि से संबंधित सारे दोष खत्म हो जाते हैं। यही वजह है हिंदू लोग भूमि पर कोई शुभ कार्य करने से पहले भूमि पूजन अवश्य करते हैं। भूमि पूजन को नींव पूजन के नाम से भी जाना जाता है। भूमि पूजन भूमि पर कोई निर्माण कार्य करने से पहले या भूमि पर कृषि कार्य हेतु जुताई का काम करने से पहले भूमि देवी की पूजा अर्चना की जाती है, जिसे भूमि पूजन कहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त देखकर भूमि पर निर्माण कार्य करने से पहले भूमि पूजन अवश्य कर लेनी चाहिए। क्योंकि भूमि पूजन के उपरांत किए गए कार्य में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर भूमि पूजन किए बिना मालिक भूमि पर कोई निर्माण कार्य करता है, तो ऐसी स्थिति में उसके सामने कई प्रकार की विपताएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसीलिए भूमि पर नया निर्माण शुरू करने से पहले भूमि देवी देवताओं की पूजा अर्चना अवश्य कर लेनी चाहिए, ताकि आप के निर्माण कार्य में किसी प्रकार की कोई अवरोध उत्पन्न ना हो। और भूमि पूजन करने से भूमि संबंधित सभी विकृतियां समाप्त हो जाएं।
गृह निर्माण पूजन या भूमि पूजन या नींव पूजन का महत्व
घर का निर्माण शुरू करने से पहले भूमि पूजन यानी धरती माता की पूजन के साथ-साथ अन्य देवी देवताओं की पूजा करना नींव पूजन कहलाता है। भूमि पूजन के अंतर्गत भूमि पर नया घर निर्माण करने से पहले भूमि की नींव की खुदाई की जाती है। इसके बाद नींव में एक ईंट या आधारशिला रखकर धरती माता की पूजा अर्चना की जाती है। और धरती माता से प्रार्थना की जाती है, कि उनका घर का निर्माण कार्य सही सलामत से हो जाए।
इसके अलावा घर का निर्माण करते समय जमीन के अंदर ऐसे बहुत से जीव जंतु होते हैं, जो अज्ञान वश उनका नुकसान होता है। इसलिए भूमि पूजन करते समय उनसे क्षमा याचना की जाती है, इसके अलावा पांच तत्व : क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, आदि की पूजा की जाती है। भूमि पूजन का महत्व यही है कि शुभ कार्य में किसी प्रकार की कोई बाधा ना आए, घर निर्माण करने के बाद इस घर में रहने वाली परिवार में सुख शांति हो। भूमि पर जितने भी वास्तु दोष है वह सभी खत्म हो जाए।
भूमि पूजन किसे करना चाहिए?
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार भूमि पूजन परिवार के मुखिया और उनकी पत्नी को करनी चाहिए। भूमि पूजन में पंडित जी के समक्ष परिवार के मुखिया और उनकी पत्नी को भूमि पूजन विधि के अनुसार भूमि पूजन करनी चाहिए। भूमि पूजन कब करनी चाहिए, इसकी जानकारी आपको पंडित जी से पहले पूछ लेनी है।
भूमि पूजन के देवता मुहूर्त
भूमि पूजन करते समय धरती माता और वास्तु पुरुष की विशेष भूमिका होती है। भूमि पूजन में धरती माता की पूजा करने से उनका आशीर्वाद लेकर भूमि पर निर्माण कार्य करने से किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है। जबकि वास्तु पुरुष वास्तु के देवता माने जाते हैं, इसीलिए भूमि पर नया घर निर्माण करने से पहले वास्तु देवता की पूजा की जाती है।
घर निर्माण होने के बाद उस घर में रहने वाले परिवार में सुख शांति समृद्धि आए, दुख कलह उत्पन्न ना हो, इसीलिए वास्तु देवता यानी वास्तु पुरुष मंडल की पूजा की जाती है। क्योंकि ब्रह्मांडीय बदलाव के अनुसार वास्तु पुरुष मंडल उस घर की आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
भूमि पूजन किस दिशा में करें?
भूमि पूजन करते समय भूमि पूजन किस दिशा में करें यह जानना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपने भूमि पूजन करने से पहले शुभ नक्षत्र, शुभ दिन, शुभ महीना, शुभ तारीख आदि का चुनाव कर लिया है। लेकिन आप भूमि पूजन गलत दिशा में बैठकर कर रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में भूमि पूजन करने का कोई फल प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए भूमि पूजन करते समय भूमि मालिक को पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए, और पंडित जी को उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए।
भूमि पूजन करने का फायदा
जैसा कि हम सभी जानते हैं जमीन पर नया घर निर्माण करने से पहले या जमीन पर शुभ किसी चीज का निर्माण करने से पहले धरती माता और वास्तु पुरुष की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भूमि पूजन करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं। जो इस प्रकार हैं-
- भूमि पूजन करने से उस भूमि में जो भी नकारात्मक अशुद्धियां होती हैं, वह समाप्त हो जाती हैं।
- भूमि पूजन करने से यदि भूमि कृषि उपयोगी है, तो ऐसा माना जाता है कि इस भूमि पर खेती करने से फसल काफी अच्छी और पैदावार ज्यादा होती है।
- भूमि पूजन करने से भूमि पर निर्माण होने वाले नये घर में किसी प्रकार की कोई रुकावट पैदा नहीं होती है।
- भूमि पूजन करने के बाद घर निर्माण हो जाने पर उसमें रहने वाले परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है।
- भूमि पूजन करने से अनजान बस घर निर्माण कार्य में मरने वाले जीव जंतुओं से लगने वाला पाप क्षमा हो जाता है।
भूमि पूजन मुहूर्त तिथियां 2023 : महीने तिथियां और नक्षत्र
भूमि पर नया निर्माण करने से पहले जितना भूमि पूजन करना आवश्यक माना जाता है, उतना ही भूमि पूजन मुहूर्त भी आवश्यक होता है। यानी भूमि पूजन किस मुहूर्त में की जाए। क्योंकि अगर सही मुहूर्त में भूमि पूजन की जाती है, तो उसका सकारात्मक लाभ ज्यादा मिलता है। भारतीय ज्योतिषी के अनुसार हर महत्वपूर्ण कार्य करने का एक शुभ दिन होता है।
इसलिए यदि उस महत्वपूर्ण कार्य को शुभ दिन पर किया जाए, तो कार्य में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है। इसीलिए अगर आप भी Bhoomi Poojan का शुभ मुहूर्त 2023 के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे दी गई जानकारी अवश्य पढ़ें।
गृह निर्माण पूजन या भूमि पूजन 2023 के लिए सर्वश्रेष्ठ महीने
हिंदू कैलेंडर के अनुसार गृह निर्माण पूजन या भूमि पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ महीने इन्हें माना जाता है।
- पौष:
- वैशाख (बैसाख)
- अग्रहायण (अगहन)
- फाल्गुन
नींव पूजन या भूमि पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र 2023
जिस प्रकार गृह निर्माण पूजन या भूमि पूजन के लिए सही महीना महत्वपूर्ण होता है, उसी प्रकार भूमि पूजन के लिए सही नक्षत्र भी होना जरूरी होता है। अगर शुभ नक्षत्र में भूमि पूजन ना की जाए, तो भूमि पूजन करने का कोई लाभ नहीं मिलता है। गृह निर्माण पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र इस प्रकार है-
- मार्गशीर्ष:
- औरधा
- उत्तरा फाल्गुनी
- धनिष्ठा
- पुष्य
- उत्तरा भाद्रपद
- हस्था
- उत्तरा आषाढ़:
- रेवती
- शतभिषा
- चित्रा
- रोहिणी
भूमि पूजन मुहूर्त 2023 में गृह निर्माण के लिए शुभ लग्न
दोस्तों घर निर्माण करना एक शुभ कार्य माना जाता है, इसलिए घर निर्माण करने से पहले भूमि पूजन मुहूर्त 2023 के अंतर्गत शुभ दिन, शुभ महीना और शुभ नक्षत्र के साथ-साथ शुभ लग्न को ध्यान में रखते हुए गृह निर्माण कार्य शुरू करना चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी और कार्तिक शुक्ल एकादशी के बीच में कभी भी घर बनवाने का कार्य शुरू नहीं करनी चाहिए।
क्योंकि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी के बीच भगवान विष्णु जी शाश्र्वता निद्रा अवस्था में रहते हैं। इसलिए भूमि पूजन करने के बाद भी भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद घर निर्माण कार्य में नहीं मिल पाता है। इसलिए घर निर्माण करते समय भूमि पूजन मुहूर्त 2023 के अंतर्गत सही लगन अवश्य देख लेना चाहिए, सही लगन इस प्रकार है-
- द्वितीया
- तृतीया
- पंचमी
- षष्ठी
- अष्टमी
- नवमी
- एकादशी
- द्वादशी
नींव पूजा या गृह निर्माण पूजा के लिए शुभ तिथि
जिस प्रकार भूमि पूजन के लिए शुभ महीना, शुभ नक्षत्र की जरूरत होती है। उसी प्रकार से गृह निर्माण पूजा करने के लिए शुभ तिथि की जरूरत होती है। क्योंकि बिना मुहूर्त किसी भी तारीख को की गई भूमि पूजन सफल नहीं माना जाता है। गृह निर्माण पूजा के लिए शुभ तिथि इस प्रकार हैं-
- द्वितीया
- तृतीया
- पंचमी
- सप्तमी
- दशमी
- एकादशी
- त्रयोदशी
- पूर्णिमा
भूमि पूजन मुहूर्त 2023 के अंतर्गत भूमि पूजन की विधि
अगर आप भी भूमि पूजन करना चाहते हैं, तो भूमि पूजन विधि विस्तार पूर्वक आगे बताई गई है। जो इस प्रकार है-
1.भूमि पूजन स्थल की साफ सफाई करना
भूमि पूजन करने के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण काम है, कि भूमि पूजा की जाने वाली जगह की साफ सफाई अच्छे से कर देनी चाहिए। भूमि पूजा जगह के आसपास जो भी गंदगी कूड़े करकट हैं, उन्हें साफ कर देना चाहिए। इसके बाद उस जगह पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर देना चाहिए।
2.भूमि पूजन के लिए पुजारी
भूमि पूजन के लिए आप अपने क्षेत्र के हर एक शुभ कार्य में आने वाले पुजारी या पंडित जी को बुला सकते हैं। क्योंकि जब पंडित जी के द्वारा मंत्र उच्चारण करके भूमि पूजन विधि पूर्वक की जाती है, तो भूमि पूजन का लाभ अधिक मिलता है और पंडित द्वारा ही भूमि पूजन करवाई जाती है।
3.भूमि पूजन में देवताओं की मूर्ति
भूमि पूजन करते समय सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, भूमि पूजन में गणेश जी की मूर्ति के अलावा मां लक्ष्मी देवी और अन्य देवी देवताओं की मूर्ति धरकर भूमि पूजन कर सकते हैं।
4.भूमि पूजन में सही दिशा का चुनाव
भूमि पूजन कराते समय भूमि का मालिक जो पूजा करा रहा है, उसे पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। जबकि भूमि पूजन कराने वाले पंडित जी की मुंह उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।
5.भूमि पूजन में नाग देवता की मूर्ति
भूमि पूजन में गणेश जी की पूजा करने के बाद नाग देवता की मूर्ति और कलश की पूजा अवश्य करनी चाहिए। क्योंकि काम शुरू करने से पहले नाग देवता का आशीर्वाद लेना अति आवश्यक होता है।
6.भूमि स्थल की खुदाई
जिस दिन भूमि पूजन की जाती है उसी दिन भूमि स्थल में थोड़ी सी खुदाई करके वहां पर ईंट या आधारशिला रख देनी चाहिए। इसके साथ लाल रंग के कपड़े में नारियल को लपेट कर जमीन के अंदर रख देनी चाहिए। हालांकि कुछ जगहों पर लोग कलश में पानी, शहद, दही, दूध मिलाकर रख देते हैं नाग देवता को चढ़ाने के लिए।
7.चढ़ाई जाने वाली चीजें
भूमि पूजन करते समय पूजन सामग्री में कच्चा चावल, हल्दी, चंदन, सिंदूर, कलावा, फल, सुपारी, मिठाई अगरबत्ती आदि अर्पित की जाती है।
8.भूमि पूजन में लगने वाला पांच नींबू
भूमि पूजन में लगने वाला पांच नींबू भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि भूमि पूजन समाप्त हो जाने के बाद चार नीबू को आप उस जमीन के चारों कोने पर रखकर जबकि एक नींबू को भूमि स्थल के बीच में रखकर कुचल देना है।
भूमि पूजन सामग्री लिस्ट PDF
भूमि पूजन में लगने वाली सामग्री | आम के पत्ते | 10 पंच पत्र |
पंडित जी के लिए आसन | मेवा | चिराग |
लोटा | मिस्त्री | आधा मीटर कपड़ा |
पूजा थाली | देवता की मूर्ति | पांच हरा नींबू |
पान के पत्ते | 5 ईट | 9 प्रकार के बीच (नव धन्यम) |
हवन सामग्री पैकेट | कलश | पंच लोहा |
सूखे खजूर | नौ प्रकार की रत्न | फल |
पुष्प | अगरबत्ती | कपूर |
कुमकुम | हल्दी | माचिस |
गंगाजल | बांटने के लिए प्रसाद | – – – – |
Bhumi Poojan Kis Disha Me Kare (FAQ)
1. मकान की नींव रखने का शुभ मुहूर्त कब है?
2. भूमि पूजन कब नहीं करना चाहिए?
3. कौन से महीने में मकान बनाना शुभ होता है?
4. नींव पूजन कैसे किया जाता है?
5. भूमि पूजन कौन सी दिशा में करनी चाहिए?
6. नींव खोदने से पहले क्या करना चाहिए?
7. मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है?
8. मकान की नींव में क्या रखना चाहिए?
9. भूमि पूजन किस दिन करना चाहिए?
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इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।