Black Fangas Mahamare Kya Hai : दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, अपने भारत देश में इस समय कोरोना वायरस पूरी तेजी से फैला है। लेकिन अब कोरोना वायरस बीमारी के साथ-साथ ब्लैक फंगस महामारी भी फैली हुई है। जिन कोरोना मरीजों को डायबिटीज है, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
तो चलिए दोस्तों जान लेते हैं। ब्लैक फंगस महामारी क्या हैंI महामारी के लक्षण, महामारी के रोकथाम और उपचार, इस महामारी से कैसे बचें आदि।
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ब्लैक फंगस महामारी क्या हैं?
ब्लैक फंगस महामारी म्यूकाॅरमाइटिसीस नाम की फंगाइल से होता है। यह महामारी ज्यादा करके ऐसे लोगों को होता है जिन्हें कोई बीमारी होती है। या फिर यह महामारी ऐसे इंसानों में होती है, जो अपने शरीर की इम्यूनिटी को कम करने के लिए दवा खा रहे होI
राजस्थान के जयपुर में लगभग 100 से ज्यादा मरीज इस महामारी से पीड़ित हैं, दोस्तों अधिकांश करके जो कोरोना वायरस मारीज ठीक होते हैं, उन्हें ही ब्लैक फंगल महामारी होने की ज्यादा संभावना होती हैं। यह बीमारी इतना खतरनाक होती है, कि यह शरीर के जिस अंग में होती है, शरीर का वह अंग काटकर निकालना पड़ जाता है।
ब्लैक फंगस बीमारी के लक्षण
दोस्तों यह महामारी पूरे शरीर में न होकर किसी एक हिस्से में होता है। यह बीमारी शरीर के जिस हिस्से में होती हैं। वैसे ही इसका प्रभाव होता है। लेकिन फिर भी इस महामारी से पीड़ित व्यक्ति में इस तरह के कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं।
- मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक में काले काले घाव हो जाना
- साइनस कंजेशन
- काफी तेज बुखार हो जाना
- सीना पेन होना
- खून की उल्टी होना
- चेहरे का सूज जाना
- सिर में दर्द होना
- नाक का बंद हो जाना
- जबड़े की हड्डी में दर्द होना
- नाक और तालू काले काले रंग का हो जाना
- दांतों में दर्द होना
- दातों का ढीला हो जाना
- छाती में दर्द होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
ब्लैक फंगस शरीर में कैसे पहुंचती है?
अगर देखा जाए तो इंसानों के सांस लेने के दौरान ब्लैक फंगस महामारी की फंगस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। और ज्यादातर बीमारी होने के चांस यहीं से रहते हैं। या फिर अगर शरीर के किसी हिस्से में घाव हो गया है। या फिर शरीर का कोई हिस्सा जल गया है। तो वहां से भी महामारी के फंगस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
दोस्तों ब्लैक फंगस शरीर के जिस हिस्से में हो जाता है। शरीर का वह हिस्सा धीरे-धीरे सड़ने लगता है और मजबूरन इंसान को वह हिस्सा अपने शरीर से काटकर निकालना पड़ता है। अगर समय रहते इस महामारी को पहचाना ना जाये, तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
कोरोना पीड़ितों को ही ज्यादातर ब्लैक फंगस इन्फेक्शन क्यों हो रहा है?
जिन व्यक्तियों को कोरोना वायरस बीमारी होती है, उनकी इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। या फिर अगर किसी हाई डायबिटीज मरीज को कोरोना वायरस बीमारी हो जाती है, तो उसका इम्यून सिस्टम और भी ज्यादा कमजोर हो जाती है। इसलिए ऐसे लोगों को ब्लैक फंगस महामारी होने की आशंका और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
अगर कोई इंसान ज्यादा समय तक आईसीयू में भर्ती रहता है, तो उसे भी यह महामारी होने की संभावना ज्यादा रहती है। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को स्टेराॅयड दिए जाते हैं। जिसके कारण कोरोनावायरस मरीज की इम्युनिटी कम हो जाती है। और उन्हें भी यह महामारी हो जाने का खतरा ज्यादा हो जाता है।
आखिर यह महामारी कितना खतरनाक है?
ब्लैक फंगस महामारी कभी भी एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता है। लेकिन हां या बीमारी इतना खतरनाक है कि इस बीमारी से लगभग 54% मरीजों की मौत हो जाती है। यह बीमारी शरीर के जिस हिस्से में होती है, उसी हिसाब से इसका प्रभाव भी पड़ता है। जैसी साइनस इन्फेक्शन में 46% मोटिर्लिटी रेट होता है। फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर 76% मोटिर्लिटी रेट होता है। डिसमेंटेड इन्फेक्शन में 96% मोटिर्लिटी रेट होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह जिस भी एरिया में होता है, उसे खत्म कर देता है। अगर यह बीमारी इंसान के सिर में हो जाए तो ब्रेन ट्यूमर समेत कई प्रकार की बीमारियां भी हो जाती हैं। इस बीमारी का दिमाग तक पहुंचने में मोटिर्लिटी रेट 80% हो जाता है।
ब्लैक फंगस महामारी की रोकथाम और उपचार
दोस्तों इस से बचने के लिए नीचे कुछ उपाय निम्नलिखित दिए गए हैं।
- जिन जगहों पर कंट्रक्शन का काम चल रहा है ऐसी जगहों से दूर रहें।
- जहां पर ज्यादा धूल गंदगी फैला हो ऐसी जगहों से दूर रहे।
- अगर आप घर से बाहर निकलते हैं तो मास्क जरूर पहने।
- ऐसी जगह पर ना जाएं जहां पर ज्यादा से ज्यादा पानी इकट्ठा हो, जैसे- तालाब, कूआ आदि।
- कोरोनावायरस से ग्रसित लोग हमेशा समय समय पर अपना उपचार कराते रहें।
- यदि आपको इस महामारी से संबंधित अपने शरीर में कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- यह महामारी शरीर के जिस हिस्से में होती है, वह हिस्सा धीरे-धीरे सड़ने लगता है। अगर सही समय पर इसका उपचार ना हुआ, तो शरीर का वह हिस्सा काटकर निकालना पड़ जाता है।
- शरीर के पूरे हिस्से को ढक कर रखें।
- खेत खलिहान में काम करते समय हाथों में दस्ताना जरूर पहनें।
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इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।