दोस्तों आज मैं इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं की Abadi Ki Jameen Check Kaise Kare. कई लोगों को आबादी की जमीन के बारे में भले ही ना पता हो पर ग्रामीण और शहरी दोनों जगहों पर आबादी भूमि आज भी मौजूद हैI इसके लिए सरकार ने गांव की आबादी जमीन पर गरीबों और भूमिहीन परिवारों को पट्टा देने की कई प्रकार की योजनाएं बनाती हैI
सभी राज्य की परिस्थितियों के अनुसार, विभिन्न राज्य सरकारें आवासीय भूखंडों के वितरण के लिए दिशा निर्देश स्थापित करती हैंI जिससे भूमिहीन परिवारों की बढ़ती हुई संख्याओं का लाभ मिल सकेI आज के आर्टिकल में आबादी भूमि की जानकारी विस्तृत रूप में बताई गई हैI
अपनी जमीन पर मोबाइल टावर कैसे लगवायें
आबादी की जमीन किसे कहते हैं?
आबादी जमीन ऐसी जमीन होती हैI जो किसी भी व्यक्ति या संस्था का नहीं होता है| जब कभी भी गांव में चकबंदी होती हैI चकबंदी होने के बाद कुछ ऐसी जमीन छोड़ी जाती हैI जो किसी के नाम नहीं होती हैंI वह सार्वजनिक उपयोग के लिए किया जाता हैI
जो जमीन किसी के नाम से रजिस्ट्री ना हुई हो, उसे आबादी जमीन कहते हैंI सरकार इस जमीन को स्थानीय प्रशासन के लिए उपयोग करती हैंI जैसे : स्कूल, सड़क, पंचायत भवन व अन्य सरकारी कार्यों के लिए उपयोग करती हैI अब हमें विश्वास है, कि आबादी जमीन क्या हैं, आप सभी को पूर्ण रूप से समझ में आ गया होगाI
आबादी जमीन कितने प्रकार का होता है?
गांव में बहुत सारी जमीने चकबंदी के समय में छोड दी जाती है, पर उसमें से कुछ जमीन को हमारे समाज में रह रहे SC, ST के लोगों के लिए होता हैI तो चलिए आज हम जानते हैं, कि आखिर आबादी जमीन कितने प्रकार का होता हैI
गांव में मुख्यता: दो प्रकार की आबादी जमीन देखने को मिलता हैI पहला – ग्राम समाजी आबादी जमीन, और दूसरा है, हरिजन आबादी (इस पर केवल SC कास्ट के लोग ही रह सकते हैं) होता हैI
आबादी जमीन का पट्टा कैसे होता है?
आबादी जमीन का पट्टा किसी के नाम से नहीं किया जाता है, बल्कि आबादी जमीन का पट्टा ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता हैI आबादी जमीन का पट्टा गरीब, भूमिहीन व गांव के निवासी को जिसको मकान के लिए आवश्यकता है उसे दिया जाता हैI
आबादी जमीन को ग्राम पंचायत लिख कर देती है, उसके बाद SDM द्वारा इस जमीन को उस व्यक्ति के नाम पर पट्टा कर दिया जाता हैI लेकिन अगर आप इसे अवैध तरीके से कब्जा करते हैं, तो सरकार आपको इस जमीन से हटा सकती हैI लेकिन पट्टा मिलने के बाद आपको नहीं हटा सकती हैI पट्टा मिल जाने के बाद आप इस जमीन पर मकान व अन्य कार्य कर सकते हैंI
आबादी जमीन के पट्टा मिलने के फायदे
- .आबादी जमीन की पट्टा मिल जाने के बाद व्यक्ति को जमीन का मालिकाना हक मिल जाता है| जिससे व्यक्ति को उस जमीन के माध्यम से बैंक से लोन सहित अनेक प्रकार की सुविधाएं मिल सकेगीI इस जमीन का उपयोग मकान बनाने के लिए किया जा सकता हैI
- इसमें व्यक्ति को अधिकतम 250 वर्ग मीटर से अधिक नहीं दिया जाएगा, और जमीन मिलते समय किसी प्रकार की पैसा नहीं लगेगाI
- 250 वर्ग मीटर से अधिक की भूमि तभी दिया जाएगा, जब कोई कुटीर उद्योग लगाना होI
जमीन का 50 साल पुराना रिकॉर्ड कैसे निकालें
आबादी भूमि की पट्टा की पात्रता क्या है?
- जिस भी व्यक्ति के पास खेती ना हो या गांव का कोई भी कारीगर हो जैसे : धोबी, मोची, बढ़ाई, कुम्हार, लोहार, नाई व अन्य कारीगर होI
- गांव का रहने वाला कोई भी व्यक्ति जिसके पास संपत्ति न होI
- इसमें ज्यादातर महिला को प्राथमिकता दिया जाता हैI
- जिस भी महिला की पति की मृत्यु हो गई हो और उसके पास कोई भी जमीन नहीं है, वो औरत भी इस जमीन की पात्रता होगीI
- विकलांग व्यक्ति हो उसके पास भी कोई संपत्ति ना हो, वह भी आबादी जमीन के लिए पात्र होगाI
आबादी की जमीन कैसे चेक करें?
दोस्तों अगर आप अपने क्षेत्र अपने गांव में आबादी की जमीन चेक करना चाहते हैंI तो नीचे दिए गए निम्नलिखित स्टेट को फॉलो करेंI
अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, और अपने क्षेत्र, गांव में आबादी की जमीन चेक करना चाहते हैंI तो आपको सबसे पहले उत्तर प्रदेश भूलेख की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगाI
यू पी भूलेख खतौनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर आने के बाद आपको “खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नकल देखे पर क्लिक कर देना हैI इसके बाद कैप्चा कोड भरकर Submit बटन पर क्लिक कर देना हैI
यहां पर अपना जनपद, तहसील,ग्राम चुन लेना हैI
यहां पर आपको सबसे ऊपर सफेद पट्टी में चार आप्शन दिखाई दे रहा होगा, आपको तीसरे आप्शन : खातेदार के नाम द्वारा खोजें पर क्लिक कर देना हैI इसके बाद नाम के कुछ अक्षर लिखें- यहां पर आबादी लिखकर सर्च पर क्लिक कर देना हैI
इसके बाद आबादी सलेक्ट करने के बाद “उध्दरण देखें” पर क्लिक कर देना हैI इसके बाद कैप्चा कोड भरकर Continue पर क्लिक कर देना हैI
यहां पर आप आबादी जमीन का क्षेत्रफल और खसरा संख्या देख सकते हैं| इस प्रकार आप बड़ी आसानी से आबादी भूमि का नक्शा और विवरण चेक कर सकते हैंI
आबादी भूमि के नियम
नियम-157 : के अनुसार 1996 तक आबादी संपत्ति पर निर्मित घरों के लिए पट्टे जारी करना : राजस्थान पंचायती राज्य नियम के नियम 157 में 1996 से पहले आबादी वाले संपत्ति पर बने घरों के नियमन और पट्टे देने की प्रावधान पाया जा सकता हैंI
नियम-157 (2) : के अनुसार कब्जे के आधार पर पट्टू का निर्गमन : जिन समुदायों के परिवारों के पास जमीन या घर का कोई भी भूखंड नहीं था, लेकिन 2003 तक आबादी भूमि पर झोपड़ी अच्छा घर बनाया गया था, उन्हें नियम 157 जारी किया गया थाI 2) 300 वर्ग गज तक के भूखंडों के निशुल्क नियमितीकरण का व्यवस्था की जाएगी तथा परिवार की महिला मुखिया के नाम पर पट्टा दिया जाएगाI
नियम-158 : के तहत रियायती लागत पर आवासीय भूमि आवंटन : राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1996, ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य के वंचित वर्गों के परिवारों को 300 वर्ग गज तक की पंचायत भूमि सब्सिडी पर प्रदान करती है (2 रूपये प्रति वर्ग मीटर से)
नियम 158 (2) : बी.पी.एल. मैं संशोधन कर कुछ खानाबदोश, भेड़ पालक परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे रखने वाले लोगों को नि:शुल्क भूमि देने की अधिकार पंचायतों को दिया हैI पहले यह अधिकार राज्य सरकार के पास थाI
क्या आवासीय भूमि बेची जा सकती है?
राज्य में कहीं भी आबादी वाली जमीन से मलबे का पंजीकरण प्रतिबंधित नहीं हैI इस सीमा के परिणाम स्वरूप जरूरतमंद लोगों को अपनी जमीन को बेचने और बटवारा करने में बहुत ही परेशानी हो रही हैI 2003 – 2004 में आबादी वाले भूमि का दृश्य मानचित्र देना बहुत पहले ही समाप्त कर दिया गया थाI
आबादी जमीन किसकी होती हैं?
भूमि जो निर्जन है और किसी व्यक्ति, संगठन या अन्य संस्था के नाम पर पंजीकृत नहीं है, उसको अधिग्रहित भूमि कही जाती हैI सरकार कस्बो, शहरों और गांव के क्षेत्रों में सभी भूमि का मालिक है| यह भूमि स्थानीय सरकार के द्वारा उपयोग के लिए उपलब्ध हैंI
आबादी भूमि के नियम (FAQ)
1. आबादी की जमीन का मालिक कौन होता है?
2. क्या आबादी की जमीन की रजिस्ट्री होती है?
3. क्या आबादी की जमीन गिरवी रखी जा सकती है?
4. जमीन हड़पने पर कौन सी धारा लगती है?
इस लेख को सतगुरु कुमार ने लिखा है। जो modi-yojana.com में मुख्य लेखक के रूप में कार्यरत हैं। सतगुरु कुमार ने हिंदी बिषय से B.A. तथा M.A. कर चुके हैं। फाइनेंस और शिक्षा करियर के क्षेत्र में 4 साल का लेखन का अनुभव है। modi-yojana.com के संपादक, लेखक, के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।