कुटीर उद्योग क्या होता है, कुटीर उद्योग के प्रकार, कैसे शुरू करें?

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं भारत एक कृषि प्रधान देश है। इस देश में 70% से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं और पूर्णरुप से खेती पर निर्भर होते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो कृषि के साथ साथ अन्य व्यवसाय करते हैं। जिनमें से कुटीर उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में एक बहुत ही बढ़िया व्यापार माना जाता है। इसीलिए दोस्तों आज के आर्टिकल में मैं आपको बताने वाला हूं, कुटीर उद्योग क्या होता है Kutir Udyog Kaise Shuru Kare. इस आर्टिकल को पढ़कर आप अपने घर पर रहकर कृषि के साथ-साथ कुटीर उद्योग प्रारंभ कर सकते हैं।

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क्योंकि वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों के रहने वाले अधिकांश लोग खेती के साथ-साथ घर पर खुद का उत्पाद बनाकर उसे अच्छे दाम पर बेच रहे हैं। इसके अलावा कई परिवारों के सदस्य एक साथ मिलकर कुटीर उद्योग से जुड़कर काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं।

इसलिए अगर आप भी अपनी आय को बढ़ाने के लिए कुटीर उद्योग शुरू करना चाहते हैं। तो आप बड़े आराम से ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने के साथ-साथ, खेती-बाड़ी करने के साथ-साथ घर पर कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं। आगे इस आर्टिकल में कुटीर उद्योग शुरू करने संबंधित और जानकारी विस्तार से बताई गई है।

Table of Contents

कुटीर उद्योग किसे कहते हैं, कुटीर उद्योग की परिभाषा

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एक ही परिवार के कुछ सदस्य अथवा सभी सदस्यों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी एक व्यवसाय का संचालन किया जाना है। कुटीर उद्योग एक बहुत ही अच्छा व्यवसाय है, जिसे पूर्ण रूप से परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर चलाया जाता है। कुटीर उद्योग में व्यापार की सेवाओं का सृजन कारखानों की अपेक्षा घरों में किया जाता है।

आज के समय में कुटीर उद्योग परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छोटे पैमानों पर मशीनों से भी शुरू होने लगा है। कुटीर उद्योग में सबसे अच्छी बात यह होती है, कि कुटीर उद्योग शुरू करने में बहुत ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि कुटीर उद्योग आप घर से शुरू कर सकते हैं, इसलिए इसमें ना तो ज्यादा जगह और ना ही बड़ी-बड़ी मशीनों की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से खर्च कम हो जाते हैं।

इसके अलावा कुटीर उद्योग से जुड़े हुए नागरिकों को भारत सरकार द्वारा कई योजनाओं का लाभ दिया जाता है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आर्थिक मदद प्राप्त करके अपना कुटीर उद्योग शुरू कर सकें। हमें उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे, कुटीर उद्योग क्या होता है। इसलिए अगर आप भी कुटीर उद्योग शुरू करना चाहते हैं, तो कुटीर उद्योग संबंधित इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।

इस आर्टिकल को पढ़कर आप कुटीर उद्योग से संबंधित जैसे : कुटीर उद्योग क्या होता है, कुटीर उद्योग कैसे शुरू करें, कुटीर उद्योग शुरू करने का लाभ, कुटीर उद्योग शुरू करने में लागत, कुटीर उद्योग से होने वाली कमाई, आदि के बारे में जान सकते हैं।

कुटीर उद्योग के प्रकार

कुटीर उद्योग को दो भागों में बांटा गया है। १. ग्रामीण कुटीर उद्योग २. नगरीय कुटीर उद्योग

ग्रामीण कुटीर उद्योग

ग्रामीण कुटीर उद्योग क्या है : ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने घर पर कुटीर उद्योग के अंतर्गत कच्चे माल से उपयोगी चीजों को बनाकर बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ग्रामीण कुटीर उद्योग दो प्रकार के होते हैं?

कृषि सहायक कुटीर उद्योग

कृषि सहायक कुटीर उद्योग के अंतर्गत खेतीवाड़ी करने वाले ग्रामीण लोग अपने खेतों में कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। फिर उनसे उत्पाद तैयार करते हैं जैसे : बीड़ी बनाना, सूट काटना, बीड़ी बनाना, आचार, पापड़, आलू, चिप्स, चावल, दाल, चना इत्यादि, फिर उसे बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले जो लोग खेती किसानी करते हैं, उनके लिए कृषि सहायक कुटीर उद्योग काफी अच्छा है। क्योंकि वह अपने खेत में कच्चे माल की उपज कर सकते हैं, जिनमें परिवार के बाकी सदस्य भी मदद करते हैं। और फिर उससे उत्पाद तैयार करके बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

अन्य कुटीर उद्योग

कुटीर उद्योग के अंतर्गत ऐसे और भी अन्य प्रकार के कुटीर उद्योग शामिल किए गए हैं, जिनमें उन चीजों को हाथों से कारीगर द्वारा तैयार किया जाता है। ग्रामीण कुटीर उद्योग की सूची : सोने के आभूषण, लोहे के बर्तन, मिट्टी के बर्तन, चटाई बनाना आदि। यदि आप इन कुटीर उद्योग के अंतर्गत आते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्र में यह कुटीर उद्योग बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आपको बड़ी आसानी से कच्चा माल कम दाम पर मिल जाएगा और आप इन चीजों का निर्माण करके बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा इन सभी कुटीर उद्योग में परिवार के बाकी सदस्य भी मदद करते हैं।

नगरीय कुटीर उद्योग

नगरीय कुटीर उद्योग को शहरी कुटीर उद्योग के नाम से भी जाना जाता है। नगरीय कुटीर उद्योग दो प्रकार के होते हैं?

किंचित नागरिक कुटीर उद्योग

किंचित नागरिक कुटीर उद्योग के अंतर्गत ऐसे कार्य आते हैं, जिन कार्यों को एक कुशल कारीगर द्वारा किया जाता है। क्योंकि एक कुशल कारीगर के द्वारा अच्छी अच्छी चीजों का निर्माण किया जाता है और फिर उसे बाजार में काफी महंगे दामों में बेचा जाता है।

इन चीजों का एक प्रकार से बाजार में डिमांड होता है नाम होता है, जैसे : लखनऊ का चिकन जयपुर की रजाई आदि। इस प्रकार से ऐसी कई प्रकार की चीजें हैं, जिनका बाजार में नाम होता है। इसलिए किंचित नागरिक कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए व्यक्ति का उस कार्य में कुशल कारीगर होना अति आवश्यक है।

शहरी कुटीर उद्योग

ग्रामीण कुटीर उद्योग की अपेक्षा शहरी कुटीर उद्योग पूर्ण रूप से आधुनिक होता है। क्योंकि शहरी कुटीर उद्योग के अंतर्गत मशीनरी के द्वारा ऐसी कई चीजों का निर्माण किया जाता है, जिनका निर्माण हाथों से संभव नहीं होता है। जैसे : दरी, साड़ी, सूती कपड़े, हथकरघा आदि। इसलिए अगर आप शहर में रहते हैं तो शहरी कुटीर उद्योग के अंतर्गत बहुत कम लागत में मशीनरी द्वारा अपनी योग्यता के अनुसार शहरी कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं। और इन वस्तुओं को बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

कुटीर उद्योग कैसे शुरू करें?

कुटीर उद्योग शुरू करना बहुत ही आसान है, क्योंकि जब आप कोई नया उद्योग शुरू करते हैं तो वहां पर ज्यादा इन्वेस्टमेंट, उद्योग का कानूनी लाइसेंस, कानूनी दस्तावेज आदि चीजों की जरूरत पड़ती है। लेकिन जब आप कुटीर उद्योग शुरू करते हैं, तो आपको ना ज्यादा इन्वेस्टमेंट, ना कानूनी दस्तावेज, ना कानूनी लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।

कुटीर उद्योग आप अपने घर से शुरू कर सकते हैं और कुटीर उद्योग में घर के बाकी सदस्य भी आपकी मदद करते हैं। इसलिए अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो बहुत ही कम पूंजी लगाकर कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं। आगे हमने कुटीर उद्योग के अंतर्गत आने वाले कार्यों के बारे में बताया है।

कुटीर उद्योग के उदाहरण

दोस्तों अगर आप ने इस आर्टिकल को पढ़कर कुटीर उद्योग शुरू करने का मन बना लिया है। लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है, कि कुटीर उद्योग के अंतर्गत किस प्रकार का उद्योग शुरू किया जाए। तो यहां पर हमने कुटीर उद्योग के अंतर्गत आने वाले कुछ उद्योगों की लिस्ट दी हुई है, इनमें से आप अपनी सुविधा अनुसार कोई भी उद्योग शुरू कर सकते हैं।

  • गाय पालन उद्योग
  • भेड़ पालन उद्योग
  • बकरी पालन उद्योग
  • सूअर पालन उद्योग
  • मुर्गी पालन उद्योग
  • अगरबत्ती बनाने का उद्योग
  • नमकीन बनाने का उद्योग
  • कपड़ों की छपाई का उद्योग
  • दोना पत्तल बनाने का उद्योग
  • मसाला बनाने का उद्योग
  • बर्तन बनाने का उद्योग
  • अचार बनाने का उद्योग
  • पापड़ बनाने का उद्योग
  • झाड़ू बनाने का उद्योग
  • सूप बनाने का उद्योग
  • हथकरघा का उद्योग
  • बॉल पेन, पेन रिफिल बनाने का उद्योग
  • इत्र अथवा सेंट बनाने का उद्योग
  • मिट्टी के खिलौने बनाने का उद्योग
  • लकड़ी के खिलौने बनाने का उद्योग
  • चमड़े के जूते चप्पल बनाने का उद्योग
  • कपड़ों की रंगाई पुताई का उद्योग
  • हस्तशिल्प का उद्योग

कुटीर उद्योग का महत्व/फायदा

जब हम किसी प्रकार का उद्योग शुरू करते हैं तो हमारे मन में पहला सवाल यही आता है। इस उद्योग से हम कैसे कमा सकते हैं, इस उद्योग का फायदा क्या है। इसलिए अगर आपके भी मन में यह सवाल आ रहा है, कुटीर उद्योग शुरू करने का फायदा क्या है। तो आप यह जान लीजिए अगर आप कुटीर उद्योग शुरू करते हैं, तो आपको नीचे दिए गए निम्नलिखित कुटीर उद्योग की विशेषताएं बतायी गयी है।

  • अगर आप कुटीर उद्योग शुरू करते हैं, तो आपको दूसरे के लिए कार्य करने की जरूरत नहीं होती है। आप अपने व्यवसाय के खुद मालिक होते हैं, और खुद का व्यवसाय होने के कारण आप पूर्ण रुप से स्वतंत्र होते हैं।
  • कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए आप को बड़े सस्ते दाम पर कच्चे माल मिल जाते हैं। और कुटीर उद्योग में सहयोग करने के लिए सस्ते दर पर मजदूर मिल जाते हैं।
  • कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जाती है। इसलिए अगर आप कुटीर उद्योग शुरू करते हैं, तो आप सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक मदद प्राप्त करके अपना कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं।
  • कुटीर उद्योग एक ऐसा उद्योग है जिसमें आप अपने घर पर रहकर अपने परिवार के साथ शुरू कर सकते हैं, और उसे बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
  • कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए कम पूंजी की जरूरत होती है, और आप अपनी कला कौशल के अनुसार कोई भी कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं।

कुटीर उद्योग की समस्याएं

  • कुटीर उद्योग के अंतर्गत आने वाले कार्यों में मेहनत ज्यादा होती है और लाभ प्रतिशत कब होता है।
  • कुटीर उद्योग के अंतर्गत कुटीर उद्योग मालिक को किसी अन्य कर्मचारी को रखना काफी मुश्किल होता है।
  • कुटीर उद्योग को चलाने वाले व्यक्ति को उद्योग मालिक नहीं कहा जाता, बल्कि इस प्रकार के उद्योग चलाने वाले को कारीगर कहा जाता है।
  • कुटीर उद्योग चलाने वाले मालिक और उनके कर्मचारियों को न कोई विशेष योग्यता होती हैं और ना ही कोई तकनीकी ज्ञान होता है।
  • कुटीर उद्योग का व्यवसाय और क्षेत्र बहुत ही सीमित होता है, इसलिए इस उद्योग को बढ़ाना काफी मुश्किल होता है।

FAQs

1. कुटीर उद्योग क्या है उदाहरण?

कुटीर उद्योग के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य जैसे : ईट भट्टी का काम, कागज के थैली बनाने का काम, बांस की टोकरी निर्माण कार्य, गुड, अचार, पापड़, मसाला बनाने का कार्य आदि। ऐसे और भी कुटीर उद्योग के उदाहरण हैं, आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं।

2. लघु एवं कुटीर उद्योग से क्या होता है?

लघु उद्योग के अंतर्गत होने वाले उत्पाद और सेवाओं के प्रतिपादन में निवेश की सीमा लगभग ₹50000000 तक होती है। जबकि कुटीर उद्योग शुरू करने में कम लागत की जरूरत होती है, और इसे अपने घर से शुरू कर सकते हैं। 

3. कुटीर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं?

कुटीर उद्योग को दो भागों में बांटा गया है। १. नगरीय कुटीर २.उद्योग शहरी कुटीर उद्योग, 

4. कुटीर उद्योग के क्या लाभ है?

कुटीर उद्योग कोई भी व्यक्ति कम लागत में अपने घर से शुरू कर सकता है, कुटीर उद्योग में अपने परिवार के सभी सदस्यों को जोड़ सकता है। कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान कुटीर उद्योग के लिए कच्चे माल का उत्पादन अपने खेतों में कर सकते हैं, ऐसे और भी कई सारे लाभ कुटीर उद्योग शुरू करने से होते हैं।

5. भारत में सबसे बड़ा कुटीर उद्योग कौन सा है?

भारत में सबसे बड़ा कुटीर उद्योग कपास बुनाई है, कपास बुनाई भारत के कई राज्य जैसे : महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात राज्य में होती है।

6. कुटीर उद्योग के नुकसान क्या है?

कुटीर उद्योग का नुकसान सबसे ज्यादा बिजली कटौती का होता है, क्योंकि 2 घंटे बिजली चली जाने पर कुटीर उद्योग के उत्पादन ऋट में 25% की कमी आती है।

7. कुटीर उद्योग मशीन कीमत कितनी होती है?

कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए अगर आप कुटीर उद्योग से संबंधित मशीन खरीदते हैं, तो आपको कम से कम ₹50000 से ₹70000 के बीच में कुटीर उद्योग मशीन मिल जाती है।

8. कुटीर उद्योग कैसे शुरू करें?

कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए ना तो ज्यादा पूंजी की जरूरत होती है और ना उद्योग लाइसेंस लेना पड़ता है। और ना ही कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए किसी अच्छे लोकेशन पर किराए का दुकान लेना पड़ता है। इसलिए आप अपने घर से ही कुटीर उद्योग शुरू कर सकते हैं, कुटीर उद्योग के अंतर्गत आने वाले कार्यों की सूची इस आर्टिकल में बताई गई है।

9. सबसे बड़ा कुटीर उद्योग किस देश में है?

सबसे बड़ा कुटीर उद्योग भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में स्थित है।

10. कुटीर उद्योग में कौन-कौन से कार्य आते हैं?

कुटीर उद्योग के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य जैसे : हथकरघा की वस्तुएं, कपड़ों की सिलाई, बॉल पेन रिफिल का निर्माण, इत्र सेंट अगरबत्ती का बनाना, लकड़ी के खिलौने बनाना, चमड़े का जूता बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना इसके अलावा और भी ऐसे कार्य आते हैं।

11. कुटीर उद्योग की स्थापना कब हुई?

कुटीर उद्योग (कॉटेज उद्योग बोर्ड) की स्थापना 1948 में हुई।

12. भारत का पहला उद्योग कौन था?

भारत का पहला उद्योग लौह और इस्पात उद्योग था।

13. भारत का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग क्या है?

भारत का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग चीनी उद्योग है।

14. कुटीर उद्योग की समस्याएं क्या है?

कुटीर उद्योग की समस्याएं कई प्रकार की है। जैसे : कच्चे माल की समस्या होना, वित्तीय समस्या होना, बड़े उद्योगों से प्रतिस्पर्धी की समस्या होना, विपणन की समस्या होना, प्रमाणीकरण की समस्या होना, कुशल कारीगरों की समस्या होना, कुशल प्रबंध व्यवस्था का अभाव होना इस प्रकार की आदि समस्याएं होती हैं।

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